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झारखंड में मिड डे मील में प्याज, लहसुन, अंडा बंद, केंद्रीकृत किचन व्यवस्था पर उठे सवाल

डाउन टू अर्थ, 20 दिसम्बर  झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के चार प्रखंडों के सभी सरकारी विद्यालयों में मध्याह्न भोजन (मिड डे मील) के लिए लागू केंद्रीकृत किचन व्यवस्था फेल रही है। स्कूली बच्चे इस व्यवस्था से त्रस्त हो गए हैं और पुरानी मध्याह्न भोजन व्यवस्था को फिर से लागू करने की मांग कर रहे हैं। खाद्य सुरक्षा जन अधिकार मंच, पश्चिमी सिंहभूम द्वारा किए गए सर्वेक्षण में यह बात सामने...

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ग्रामीण भारत में बढ़ता प्लास्टिक ज्यादा बड़ी चुनौती

डाउन टू अर्थ, 29 नवम्बर  कलड़वास राजस्थान के उन कुछ गांवों में से एक है, जहां घर-घर जाकर सभी 710 घरों से कूड़ा इकट्ठा किया जाता है। इस कार्य के लिए ग्राम पंचायत ने 8,000 रुपए प्रति माह के वेतन पर दो पूर्णकालिक कूड़ा उठाने वाले लोगों को नियुक्त किया है। पंचायत ने हाल ही में जिला प्रशासन के सामने कूड़े को रिसाइकल करने वाली मशीनों को लगाने के लिए एक वित्तीय...

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उत्तर भारत भले पानी में डूबा हो लेकिन बूंद-बूंद के लिए तरस रहा है झारखंड

जनचौक, 13 जुलाई हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब और दिल्ली भले ही पानी में डूबे हुए हैं लेकिन देश का एक राज्य झारखंड बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहा है। जुलाई का दूसरा सप्ताह गुजरने वाला है, हिन्दी तारीख से यह सावन का दूसरा सप्ताह है। लेकिन झारखंड में मॉनसून के आगमन के बावजूद बारिश नहीं हो रही है। जिसके कारण जहां एक तरफ खरीफ फसल की खेती के लिए किसान परेशान...

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डूंगरपुर: मनरेगा में बड़ी लापरवाही, मजदूरों को नहीं मिली 2021 की मजदूरी, लोकपाल को मिली शिकायत के बाद जागा विभाग

जी न्यूज़, 13 नवम्बर राजस्थान के डूंगरपुर जिले में दोवडा पंचायत समिति और जिला परिषद की महात्मा गांधी नरेगा योजना में बड़ी लापरवाही सामने आई है. दोवडा पंचायत समिति की 15 पंचायतों के सैकड़ो मनरेगा श्रमिकों को दिसम्बर 2021 की 75 लाख से अधिक की मजदूरी का भुगतान आज तक नहीं हो पाया है.  बार-बार तकाजे के बाद भी मजदूरों को राहत नहीं मिली. वहीं अब मामला लोकपाल के पास पहुंचने के...

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गरीबी और असमानता

[inside] इंडिया में आर्थिक असमानता: “अरबपति राज” में ब्रिटिश राज से भी ज्यादा है असमानता - रिपोर्ट [/inside] इंडिया के भौगोलिक आकार और जनसंख्या, जो अब दुनिया में सबसे अधिक है, को देखते हुए इंडिया में आर्थिक विकास का वितरण विश्व की आर्थिक असमानता पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालता है। इसलिए इंडिया में आय और संपत्ति की असमानता को सटीक रूप से मापना अत्यधिक आवश्यक है। हाल ही में वर्ल्ड इनइक्वलिटी डाटाबेस ने...

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