साल 2014 में वैश्विक भुखमरी सूचकांक(ग्लोबल हंगर इंडेक्स) के पैमाने पर भारत का स्थान 55 वां था जबकि इस साल भारत 100 वें स्थान पर है. 2014 में भारत का जीएचआई अंकमान 17.8 था और इस साल का अंकमान 31.4 है. तो क्या महज तीन सालों के भीतर देश में भुखमरी की हालत इतनी संगीन हो गई है कि भारत का दर्जा 100 से ज्यादा देशों के बीच 45 पादान नीचे खिसक आया है? सवाल का...
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भुखमरी से जूझ रहा है भारत, 39% बच्चे हैं आज भी कुपोषित
निया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक भारत के लिए मंगलवार को जारी की गई ग्लोबल हंगर इंडेक्स (जीएचआई) की रैंकिंग बुरी खबर लेकर आई है। भुखमरी और कुपोषण को ध्यान में रखकर तैयार की जाने वाली इस 118 देशों की रैंकिंग में भारत अभी भी 97वें पायदान पर है। भारत के कई पड़ोसी देश जैसे नेपाल (72वें), म्यांमार (75वें), श्रीलंका (84वें) और बांग्लादेश (90वें) स्थान के...
More »भुखमरी-एक आकलन
खास बात - साल 1990 में भारत का जीएचआई अंक 32.6 था, साल 1995 में यह अंक 27.1, साल 2000 में 24.8, साल 2005 में 24.0 तथा साल 2013 में 21.3 था। साल 2013 में भारत का जीएचआई अंक(21.3) चीन (5.5), श्रीलंका (15.6), नेपाल (17.3), पाकिस्तान (19.3) और बांग्लादेश (19.4) से बदतर है।@ -साल १९८३ में देश के ग्रामीण अंचलों में प्रति व्यक्ति प्रति दिन औसत कैलोरी उपभोग २३०९ किलो कैलोरी का था जो साल १९९८ में घटकर २०१०...
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