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किसका दुखड़ा रोऊं!

-आउटलुक, “इंसाफ के बहाने कामयाब बिक्री का कारनामा सुशांत की गर्ल फ्रेंड रिया चक्रवर्ती को मुख्य संदिग्ध साबित करने पर उतर आया” प्रतिभा के धनी बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत को दुनिया से विदा हुए साल भर बीत गए। पिछले साल लगभग तभी वह मीडिया ट्रॉयल भी शुरू हुआ था, जो इंसाफ की मुहिम के नाम पर बड़ी चालाकी से देश में अजीबोगरीब लहर पैदा कर रहा था। यह कहना तो निहायत...

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‘देवो हिंसा हिंसा न भवतिः’

-न्यूजक्लिक, दो महीने के बाद देश के मध्यम वर्ग व मुख्यधारा की मीडिया को कानून, संविधान, हिंसा, नैतिकता जैसी तमाम बातें एकाएक याद आ गईं जब 26 जनवरी को आईटीओ और लालकिला पर कुछ किसानों ने उपद्रव कर दिया। देश का मध्यम वर्ग इस बात से बहुत आहत हो गया है कि किसानों ने लाल किले पर तिरंगा की जगह खालिस्तानी झंडा फहरा दिया (जो तथ्यात्मक रूप से झूठ और गलत...

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“वह हमें धमकाता था, मेरा नाम अर्नब है, तुम मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकते”, अन्वय नाइक की बेटी अदन्या नाइक

-कारवां,  नवंबर को महाराष्ट्र पुलिस ने रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी को आत्महत्या के लिए उकसाने के दो साल पुराने एक मामले में गिरफ्तार कर लिया. अर्नब की गिरफ्तारी के बाद अभिव्यक्ति की आजादी को लेकर बहस छिड़ गई है. यह मामला इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक और उनकी मां कुमुद नाइक की आत्महत्या से संबंधित है. अन्वय नाइक कॉनकॉर्ड डिजाइंस प्राइवेट लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक और बोर्ड मेंबर थे....

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नए साल पर जलते-बंटते मुल्क में मीडिया-रुदन

पिछले ही हफ्ते ओलिंपिक खेलों में प्रवेश के लिए मुक्केबाज़ी का ट्रायल हुआ था. मशहूर मुक्केबाज़ मेरी कॉम ने निख़त ज़रीन नाम की युवा मुक्केबाज़ को हरा दिया. इस घटना से पहले और बाद में क्या-क्या हुआ, वह दूर की बात है. मुक्केबाज़ी के इस मैच और उसके नतीजे की ख़बर ही अपने आप में जिस रूप में सामने आयी, वह मुझे काम की लगी. किसी ने ट्विटर पर किसी...

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पत्रकारिता और नैतिकता- मृणाल पांडे

कई दूसरे शब्दों की तरह पिछले सालों में नैतिकता शब्द का भी घोर अवमूल्यन हुआ है. आज किसी भी काम के साथ इस शब्द के जुड़ते ही उससे एक पाखंडी बड़बोले उपदेशक के नक्की प्रवचन की ध्वनि कानों में रेत की तरह किरकिराने लगती है. शायद इसी वजह से जो नेकनीयत पत्रकार पेशे को समर्पित हैं, वे भी सच्चे तथा फेक, संदर्भयुक्त या संदर्भ से काटे गये समाचारों के संकलन...

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