SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 5

#jharkhand में "भुखमरी" से मर रहे लोग, मुर्दों को राशन बांट रहे हैं डीलर

!! गढ़वा @ मुकेश तिवारी !! गढ़वा : झारखंड में भुखमरी से हुई मौत की खबर सुर्खियां बनी. राजनीतिक पार्टियों ने इसे मुद्दा बनाया. सरकार को इस मामले पर जवाब देना पड़ा. राशन ना मिलने से भूखमरी के बाद अब खबर आ रही है मुर्दों को मिलने वाले राशन की. झारखंड में राशन ना मिलने की वजह से भुखमरी की खबर ने सुर्खियां बंटोरी अब प्रभात खबर की पड़ताल में...

More »

आजादी के बाद पहली बार इस गुमनाम गांव ने डाला वोट

कोलकाता। गुरुवार को पांच राज्‍यों में चुनाव के नतीजे आए। पश्चिम बंगाल में एक बार फिर ममता बनर्जी ने शानदार जीत दर्ज की और मुख्‍यमंत्री बनने जा रहीं हैं। बंगाल के इस महासमर में जहां पूरे राज्‍य ने मतदान किया वहीं एक गांव ऐसा भी था जिसके बाशिंदों ने आजादी के बाद पहली बार वोट डाला। यह गांव है कूचविहार जिले का मशाल डांगा गांव। भारत बांग्‍लादेश सीमा पर बसे इस...

More »

इस गांव में कभी ख़त नहीं आया

736135. ये महज कोई संख्या नहीं बल्कि भारत के सबसे नए गाँव मशालडांगा का पिन कोड है. भारत-बांग्लादेश ज़मीन समझौते के तहत इसी हफ़्ते पश्चिम बंगाल के कूच बिहार ज़िले का मशालडांगा गाँव भारत का हिस्सा बना है. देश की आज़ादी के बाद अब पहली बार इस बस्ती में डाक आएगी. विभाजन के समय कूचबिहार ज़िले और इससे सटे बांग्लादेश के तीन ज़िलों में कई ऐसे इलाक़े रह गए थे, जो थे तो...

More »

19 गांवों के लिए एक पोस्टमैन, कैसे पहुंचेंगे समय पर पत्र ?

साम्बा. आधुनिक युग में मोबाइल, ई-मेल, एसएमएस व फेसबुक जैसे संचार के कई नए-नए माध्यम उपलब्ध है परंतु पुराने समय की एक ऐसी सुविधा भी है जो आज भी अपना विशेष स्थान बनाए हुए है और ऐसी ही सुविधा है डाक सेवा। डाक सेवा आज भी कई लोगों के लिए संचार का महत्वपूर्ण साधन है। खासकर ग्रामीण इलाकों में डाक सुविधा का खासा महत्व है परंतु डाक विभाग की घटती लोकप्रियता...

More »

डाकिया डाक लाया- रस्किन बांड

देश के सुदूर ग्रामीण इलाकों और एकांत पहाड़ों पर, जहां ऐसी सड़कें नहीं हैं कि गाड़ियां आ-जा सकें, वहां आज भी डाकिए पैदल चलकर डाक पहुंचाने जाते हैं। वे प्रतिदिन पांच-छह मील पैदल चलते हैं। सच है कि वे पुराने हरकारों की तरह दौड़ते नहीं और रास्ते में कभी-कभार चाय पीने या ताश खेलने के लिए रुक भी जाते हैं, लेकिन ये डाकिए आज भी पुराने जमाने के हरकारों की याद दिलाते हैं। डाकियों ने हमेशा...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close