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भारत में इस साल सामान्य से बेहतर रहेगा मानसून: आईएमडी

कार्बनकॉपी, 18 अप्रैल भारतीय मौसम विभाग ने कहा है कि भारत में 2024 के मानसून सीजन में सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है। आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि अगस्त-सितंबर तक ला नीना की स्थिति बनने की उम्मीद है, और जून से सितंबर के बीच वर्षा के लांग पीरियड एवरेज (एलपीए, 87 सेमी) का 106 प्रतिशत संचयी वर्षा होने की संभावना है। निजी मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट ने...

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शाहपुरकंडी बांध: भारत और पाकिस्तान के विशेषज्ञ जल सुरक्षा के लिए सहयोग के हिमायती हैं

द थर्ड पोल, 26 मार्च भारतीय राज्य पंजाब में रावी नदी पर शाहपुरकंडी बैराज पूरा होने वाला है। इससे पाकिस्तान के निचले हिस्से में डर पैदा हो गया है। तीन दशक पहले प्रस्तावित इस बांध से भारत के पंजाब में 5,000 हेक्टेयर और जम्मू-कश्मीर में 32,000 हेक्टेयर से अधिक खेती वाली ज़मीन पर सिंचाई हो सकेगी। लेकिन यह बांध पाकिस्तान के निचले हिस्से में नदी के पानी के किसी भी प्रवाह...

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सर्दियों में उत्तर और पूर्वी भारत रहे सबसे प्रदूषित, राजस्थान-बिहार के छोटे शहर नए हॉटस्पॉट बने

डाउन टू अर्थ, 21 मार्च जैसे ही सर्दी शुरू हुई, जहरीले वायु प्रदूषण के बढ़ने से एक बार फिर लोगों के स्वास्थ्य पर असर डाला। सितंबर-अक्टूबर में कम बारिश और सर्दी के पूरे मौसम में धीमी हवाओं जैसे मौसम संबंधी कारकों के कारण वायु प्रदूषण में वृद्धि हुई। दिल्ली स्थित थिंक टैंक सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट ने सर्दियों की वायु गुणवत्ता की समीक्षा के बाद रिपोर्ट जारी की है। जिसमें काफी...

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तमिलनाडु में चक्रवात ओखी के छह साल बाद भी मानसिक स्वास्थ्य से जूझते लोग

मोंगाबे हिंदी, 19 फरवरी  30 नवंबर, 2017 का दिन था, भारत के दक्षिणी छोर पर तटीय जिले कन्याकुमारी के गहरे समुद्र के मछुआरों ने खुद को एक बहुत ही खतरनाक चक्रवाती तूफान में फंसा पाया। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने एक दिन पहले यानी 29 नवंबर, 2017 को भारी बारिश और तेज हवाओं की चेतावनी जारी कर दी थी। मछली पकड़ने वाले समुदाय को दोपहर 2:30 बजे के आसपास ‘समुद्र में...

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असमः तेल कुएं में विस्फोट के तीन साल बाद पुराने रूप में लौट रही मगुरी मोटापुंग बील

मोंगाबे हिंदी, 24 जनवरी  असम में 27 मई,  2020 को आर्द्रभूमि मगुरी मोटापुंग बील के पास बागजान में ऑयल इंडिया लिमिटेड के मालिकाना हक वाले तेल क्षेत्र में गैस रिसाव हुआ। इस वजह से 9 जून, 2020 को विस्फोट हुआ। इसे बुझाने में 173 से ज्यादा दिन लगे। विस्फोट से क्षेत्र में प्राकृतिक चीजों को गंभीर नुकसान हुआ। इस विस्फोट के तीन साल बाद  पारिस्थितिकी तंत्र के पुराने रूप में बहाल होने...

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