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क्या एम.एस.पी की मांग सिर्फ एक चुनावी नाटक है ?

वर्ष 2020 में केंद्र सरकार ने किसानों से जुड़े मसलों पर तीन कानून बनाएँ। जिसका किसानों ने भारी विरोध किया। दिल्ली की सरहदों पर डेरा डाला। करीब 13 महीनों की रस्सा-कशी के बाद समाधान का रास्ता निकला। केंद्र सरकार ने तीनों कानूनों को निरस्त कर दिया। किसानों ने धरना/आन्दोलन ख़त्म कर दिया। किसान अपने-अपने घरों की ओर लौट गए। करीब दो वर्ष बाद, एक बार फिर किसान दिल्ली की ओर...

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किसान क्यों जलाता है पराली, क्या है स्थायी समाधान?

डाउन टू अर्थ, 3 नवम्बर हर वर्ष की तरह इस बार फिर 31अक्टूबर 2023 को दिल्ली-एनसीआर मे गंभीर वायु प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली, पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान से वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए राज्यों द्वारा उठाए गए कदमों पर हलफनामा दाखिल करने को कहा। राजधानी क्षेत्र दिल्ली और साथ लगते प्रदेशों मे गंभीर वायु प्रदूषण से सर्दी के मौसम का आगमन पर 10 करोड़ से ज्यादा...

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दिल्ली पर बढ़ता जलवायु संकट, बेमौसम बारिश, बढ़ती नमी के साथ रात में भी नहीं घट रहा तापमान: सीएसई रिपोर्ट

डाउन टू अर्थ, 01 नवम्बर  जलवायु परिवर्तन और चरम मौसम का असर अब देश की राजधानी पर भी दिखने लगा है। सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायरमेंट (सीएसई) ने अपनी नई रिपोर्ट “स्वैल्ट्रिंग नाइट्स: डीकोडिंग अर्बन हीट स्ट्रेस इन दिल्ली” में खुलासा किया है कि दिल्ली में जलवायु परिवर्तन के चलते मौसम तेजी से बदल रहा है। इसकी वजह से तापमान की तुलना में वातावरण में मौजूद नमी में तेजी से इजाफा...

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अपशिष्ट जल का दोबारा उपयोग: भारत में जल संकट से निपटने का एक स्थायी रास्ता

द थर्ड पोल, 20 जुलाई यमुना नदी के पुनरुद्धार को लेकर, एक उच्च-स्तरीय समिति की, 21 अप्रैल को हुई बैठक के दौरान, दिल्ली के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना ने राजधानी के अपशिष्ट जल या सीवेज के ट्रीटमेंट यानी शोधन में तेजी लाने की अपील की थी। बतौर उपराज्यपाल, जिससे वह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के संवैधानिक प्रमुख हैं, सक्सेना ने बताया कि किस तरह से राजधानी में, इस समय हर दिन 290.7 करोड़...

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उत्तर भारत भले पानी में डूबा हो लेकिन बूंद-बूंद के लिए तरस रहा है झारखंड

जनचौक, 13 जुलाई हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब और दिल्ली भले ही पानी में डूबे हुए हैं लेकिन देश का एक राज्य झारखंड बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहा है। जुलाई का दूसरा सप्ताह गुजरने वाला है, हिन्दी तारीख से यह सावन का दूसरा सप्ताह है। लेकिन झारखंड में मॉनसून के आगमन के बावजूद बारिश नहीं हो रही है। जिसके कारण जहां एक तरफ खरीफ फसल की खेती के लिए किसान परेशान...

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