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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस विशेष: अनीमिया भारत के स्वास्थ्य परिदृश्य में एक अदृश्य लेकिन विकराल चुनौती

डाउन टू अर्थ, 11 मार्च  मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के एक छोटे से गाँव सोनीपुर में रहने वाली 12 वर्षीय रानी आदिवासी (परिवर्तित नाम) खून की कमी के चलते लिवर से जुड़ी गंभीर समस्याओं से जूझ रही है। जब उसे इलाज के लिए शिवपुरी ज़िला अस्पताल लाया गया तब उसका हीमोग्लोबिन स्तर मात्र 3.7 पाया गया था। कुल 8 सदस्यों के परिवार मे पली-बड़ी रानी का परिवार जीविका के लिए...

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हर रोज 154 किसान और दिहाड़ी मजदूरों ने की आत्महत्या: NCRB रिपोर्ट

गाँव सवेरा, 4 दिसम्बर  एनसीआरबी यानी राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की 2022 की सालाना रिपोर्ट के अनुसार भारत में हर रोज लगभग 154 किसान और दिहाड़ी मजदूरों ने पारिवारिक समस्याओं और बीमारी के कारण आत्महत्या की है. वहीं 2021 में किसान और दिहाड़ी मजदूरों के हर रोज आत्महत्या करने की संख्या 144 थी. रिपोर्ट के अनुसार किसानों की आत्महत्या के सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र में दर्ज किए गए, इसके बाद कर्नाटक,...

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झारखंड: 500 दिनों बाद कहां पहुंचा कुपोषण के खिलाफ महाअभियान?

इंडियास्पेंड, 05 सितम्बर सिमडेगा में कार्यरत दिहाड़ी मजदूर मुकेश सोरंग के पुत्र रितेश सोरंग (उस समय उम्र तीन महीना) का वजन डॉक्टरों ने मार्च 2023 में सामान्य से 40 प्रतिशत कम पाया था और इसी सिलसिले में रितेश को सदर अस्पताल के कुपोषण उपचार केंद्र में भर्ती कराया गया। रितेश के शरीर के हर हिस्से से हड्डियों का ढांचा नजर आता था। लेकिन जब 16 अप्रैल 2023 को उसे कुपोषण उपचार केंद्र...

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कडलूर बंदरगाह की बर्फ़ कारोबारी

 पारी, 22 जून मछली के व्यापार में बर्फ़ विक्रेताओं के बड़ी भूमिका होती है. विशेषकर, तमिलनाडु के तट पर स्थित, और काफ़ी व्यस्त रहने वाले कडलूर फिशिंग हार्बर में इसकी काफ़ी ज़रूरत पड़ती है, जहां का मौसम आमतौर पर बहुत गर्म होता है. यहां शहर के ओल्ड टाउन हार्बर में बड़ी-बड़ी कंपनियां मछली के बड़े व्यापारियों और मशीनों से चलने वाली नावों को बड़ी मात्रा में बर्फ़ की आपूर्ति का काम...

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एनएमएमएस ऐप और आधार-आधारित भुगतान प्रणाली से मनरेगा श्रमिकों के भुगतान में देरी: रिपोर्ट

द वायर, 14 मई  किसी देश को डिजिटल रूप से बदलने की इच्छा के लिए डिजिटल बुनियादी ढांचे की जरूरत होती है. हालांकि, भारत में ऐसा होता प्रतीत नहीं हो रहा है, विशेष तौर पर ग्रामीण इलाकों में, क्योंकि कई मनरेगा श्रमिकों ने अपनी मासिक मजदूरी मिलने में देरी होने की सूचना दी है. जहां केंद्र सरकार डिजिटल अर्थव्यवस्था पर जोर दे रही है, वहीं पर्याप्त बैंकिंग बुनियादी ढांचे की कमी और...

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