द थर्ड पोल, 07 मार्च 22 फरवरी, 2024 को दोपहर तकरीबन 1:30 बजे कश्मीर के खूबसूरत गुलमर्ग रिसॉर्ट में एक स्की गाइड शौकत अहमद राथर को स्थानीय प्रशासन की ओर से फोन आया कि गुलमर्ग के खिलनमर्ग क्षेत्र, जिसे ‘आर्मी रिज’ के नाम से जाना जाता है, में हिमस्खलन हुआ है। बर्फ़ पर चलने वाली (स्नो मोबाइल) गाड़ी में सवार होकर राथर और उनके सहयोगी घटनास्थल पर पहुंचे। हिमस्खलन में छह रूसी...
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कश्मीर हिमस्खलन: जलवायु परिवर्तन से इसका क्या संबंध है?
द थर्ड पोल, 01 मार्च 22 फरवरी, 2024 को दोपहर तकरीबन 1:30 बजे कश्मीर के खूबसूरत गुलमर्ग रिसॉर्ट में एक स्की गाइड शौकत अहमद राथर को स्थानीय प्रशासन की ओर से फोन आया कि गुलमर्ग के खिलनमर्ग क्षेत्र, जिसे ‘आर्मी रिज’ के नाम से जाना जाता है, में हिमस्खलन हुआ है। बर्फ़ पर चलने वाली (स्नो मोबाइल) गाड़ी में सवार होकर राथर और उनके सहयोगी घटनास्थल पर पहुंचे। हिमस्खलन में छह रूसी...
More »छला महसूस कर रहे हैं बीटी कपास अपनाने वाले किसान
डाउन टू अर्थ,11 दिसम्बर राजस्थान में श्री गंगानगर जिले के 23 एमएल गांव के 40 वर्षीय शमशेर सिंह की दिनचर्या 25 सितंबर 2023 को आम दिनों की तरह ही थी। उन्होंने दोपहर 3.30 बजे सब्जी रोटी खाई, फिर एक झपकी ली। उसके बाद उठकर चाय पी। इस वक्त तक उनकी पत्नी जसविंदर कौर, उनके 17 वर्षीय बेटा जसविंदर और 11 व 14 साल की बेटियों जसप्रीत और पुष्पा कौर ने उनके...
More »गुलाबी सुंडी के कारण आत्महत्या के कगार पर पहुंचे किसान, बीटी कपास को भी भारी नुकसान!
11 दिसम्बर, गाँव सवेरा राजस्थान में श्री गंगानगर जिले के 23 एमएल गांव के 40 वर्षीय शमशेर सिंह की दिनचर्या 25 सितंबर 2023 को आम दिनों की तरह ही थी। उन्होंने दोपहर 3.30 बजे सब्जी रोटी खाई, फिर एक झपकी ली। उसके बाद उठकर चाय पी। इस वक्त तक उनकी पत्नी जसविंदर कौर, उनके 17 वर्षीय बेटा जसविंदर और 11 व 14 साल की बेटियों जसप्रीत और पुष्पा कौर ने उनके...
More »खतरे में हिल स्टेशन: शिमला और मनाली की तबाही के लिए दोषी कौन?
डाउन टू अर्थ, 3 नवम्बर हिमालयी राज्यों में पर्यटन का केंद्र बने पहाड़ी शहरों में बढ़ रही आपदाओं की पड़ताल करती यह रिपोर्ट डाउन टू अर्थ, हिंदी पत्रिका की आवरण कथा की दूसरी कड़ी हैत्र इससे पहले की कड़ी में आपने पढ़ा: आवरण कथा, खतरे में हिल स्टेशन: क्या जोशीमठ के 'सबक' आ सकते हैं काम? माना जाता है कि शिमला शहर 18वीं शताब्दी में एक घना जंगल था। 1864...
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