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छत्तीसगढ़: बेचापाल में महीने भर से क्यों आंदोलनरत हैं हज़ारों ग्रामीण

-द वायर, छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के धुर नक्सल प्रभावित इलाके बेचापाल में पिछले 28 दिनों से हजारों ग्रामीण पुलिस कैंप के विरोध में बैठे हुए हैं. ग्रामीणों का कहना है कि गांव में पुलिस कैंप खुलता है तो उनकी मुश्किलें और बढ़ जाएंगी. पुलिस कैंप के साथ बेचापाल समेत कई गांवों को ब्लॉक और जिला मुख्यालय से जोड़ने पक्की सड़क बन रही है जिसका विरोध भी ग्रामीण कर रहे हैं. ग्रामीणों...

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आतंकरोधी कानून/राज्य दर्पण/डरो, डरो, जल्दी डरो

-आउटलुक, पता नहीं, बुजुर्ग आदिवासी अधिकार कार्यकर्ता स्टेन स्वामी की मौत ने झकझोरा या नहीं, लेकिन अरसे बाद सुप्रीम कोर्ट में राजद्रोह की प्रासंगिकता पर सवाल उठा और कई हाइकोर्टों से यूएपीए, एनएसए जैसे कानूनों के दुरुपयोग पर तीखे फैसले आए तो सुलगते सवाल ज्वाला की तरह फूट पड़े। बेशक, हाल के कुछ वर्षों में असहमति और असंतोष को दबाने की खातिर इन कानूनों के दुरुपयोग के मामले बेहिसाब बढ़े हैं,...

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पंजाब में प्रवासी मज़दूरों को बंधुआ बनाने के दावों में कितनी सच्चाई?

-न्यूजक्लिक, भारत के गृह मंत्रालय ने पंजाब के मुख्य सैक्रेटरी और डायरेक्टर जनरल ऑफ़ पुलिस को 17 मार्च को लिखी चिट्ठी में कहा है कि पंजाब के सरहदी जिलों में प्रवासी मज़दूरों को नशे की लत लगाकर उनसे बंधुआ मज़दूरी करवाई जाती है। चिट्ठी में यह भी लिखा है, “मज़दूरों से ज्यादा काम करवाने के बाद भी मेहनताना नहीं दिया जाता। पंजाब के सरहदी जिलों में काम कर रहे मज़दूरों में...

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बिहार: क्या पुलिस ने फ़र्ज़ी मामला बनाकर पत्रकार रूपेश को गिरफ़्तार किया?

बीते छह जून को बिहार की गया पुलिस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर तीन नक्सलियों को जिलेटिन की छड़ और इलेक्ट्रॉनिक डेटोनेटर के साथ गिरफ़्तार करने का दावा किया. अगली सुबह बिहार के हिंदी अखबारों में ‘हथियार के साथ नक्सली गिरफ्तार' शीर्षक से खबर छपी. ये खबर इप्सा शताक्षी के पास पहुंची, तो वह सदमे में आ गईं. पुलिस ने जिन नक्सलियों को हथियार संग गिरफ्तार करने का दावा किया, उनमें...

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25 जिलों में बंटी 42 लाख मच्छरदानी, फिर भी नहीं बच रही लोगों की जान

दंतेवाड़ा। दंतेवाड़ा एक ऐसा जिला है, जहां से आए दिन नक्सली मुठभेड़ की खबरें सुर्खियों में रहती हैं, लेकिन इस जिले की दूसरी सबसे बड़ी समस्या है मलेरिया। न सिर्फ ग्रामीण, बल्कि नक्सलियों से लोहा लेने के लिए तैनात जवान भी मच्छर के आगे वेबस हैं। जवान भी मलेरिया से दम तोड़ रहे हैं। राज्य स्वास्थ्य विभाग दावा करता है कि वह 42 लाख मच्छरदानियां बांट चुका है, लाखों रुपये एंट्री...

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