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आत्मनिर्भर बन रही हैं केरल की आदिवासी महिलाएँ

बाबा मायाराम, पालक्काड़ “हम जल, जंगल और जंगली जानवरों का संरक्षण करने के साथ-साथ आदिवासियों की आजीविका को भी बचाने की कर रहे हैं। जंगल से हम उतना ही लेते हैं, जितनी जरूरत होती है। जंगली जानवरों के लिये को उनके पसंद के फल, फूल, पत्ते और कंद छोड़ देते हैं; जिससे वे भी जिये और जंगल की जैव-विविधता भी बनी रहे।” यह मंजू वासुदेवन थीं, केरल के त्रिचूर जिले में ‘फॉरेस्ट...

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अपशिष्ट जल का दोबारा उपयोग: भारत में जल संकट से निपटने का एक स्थायी रास्ता

द थर्ड पोल, 20 जुलाई यमुना नदी के पुनरुद्धार को लेकर, एक उच्च-स्तरीय समिति की, 21 अप्रैल को हुई बैठक के दौरान, दिल्ली के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना ने राजधानी के अपशिष्ट जल या सीवेज के ट्रीटमेंट यानी शोधन में तेजी लाने की अपील की थी। बतौर उपराज्यपाल, जिससे वह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के संवैधानिक प्रमुख हैं, सक्सेना ने बताया कि किस तरह से राजधानी में, इस समय हर दिन 290.7 करोड़...

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जलवायु परिवर्तन और शिकार की वजह से खत्म हो रहे सिक्किम के तीस्ता नदी के मेढ़क

मोंगाबे हिंदी, 23 नवम्बर जलवायु परिवर्तन की मार अब मेढकों पर भी। हाल ही में आए शोध से पता चला है कि ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन की वजह से तीस्ता नदी के आसपास पाए जाने वाले मेढक खत्म हो रहे हैं। पूर्वोत्तर भारत की जीवन रेखा मानी जाने वाली तीस्ता नदी समुद्र तल से 7,096 मीटर ऊपर स्थित हिमालय के पाहुनरी ग्लेशियर से निकलती है। तीस्ता भारत के सिक्किम राज्य में...

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वाराणसी: एग्रो फूड पार्क की फैक्ट्रियों की गंदगी से काली हुई नाद नदी, ग्रामीण परेशान

गांव कनेक्शन,  जोखू राम प्रजापति न ज्यादा बचपन में बीमार न हुए न जवानी के दिनों में, लेकिन बुढ़ापे में ऐसा बुखार आया कि अस्पताल में लाखों रुपए खर्च करने के बाद अब वो चारपाई पर आ गए हैं। घर के मुख्य दरवाजे पर पड़ी चारपाई पर ही लेटे रहते हैं। सीमेंट वाली चादर से लटकी ग्लूकोज की बोतल से बूंद-बूंद ग्लूकोज उनके शरीर में जाता रहता है, खाना-पानी भी नाक...

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नदियों में दवाओं के प्रदूषण से स्वास्थ्य के लिए बढ़े खतरे: अध्ययन

-दयानिधी, दुनिया भर की नदियों में दवा या फार्मास्युटिकल प्रदूषण पर किए गए एक अध्ययन ने दिल्ली और हैदराबाद सहित दुनिया भर में नदी के पानी के नमूनों का मूल्यांकन किया है। नदी के नमूनों में मधुमेह, मिर्गी और दर्द निवारक दवाओं के अंश मिले हैं। जो हमारी पारिस्थितिकी और लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है। यह नदियों में फार्मास्यूटिकल के अवशेषों का पता लगाने तथा उन्हें मापने वाला पहला अध्ययन...

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