-डाउन टू अर्थ, पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन, दिल्ली और नर्मदा बेसिन प्रोजेक्टस कम्पनी लिमिटेड के बीच हुए अनुबंध के बाद 99 गांवों के लगभग 55 हजार लोगों पर विस्थापन का खतरा बढ़ गया है। इनमें लगभग 50 गांव आदिवासियों के हैं, जहां लगभग 30 हजार आदिवासी रह रहे हैं। दरअसल, पिछले दिनों पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन, दिल्ली और नर्मदा बेसिन प्रोजेक्टस कम्पनी लिमिटेड, मध्यप्रदेश के बीच 22 हजार करोड़ का अनुबंध हुआ है। इसमें...
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पानी नहीं छोड़ा, किसान ने किया सूखी नहर में कूदने का प्रयास
कसरावद (खरगोन) (निप्र)। कर्ज में दबे एक किसान ने सूखी नहर में कूदकर आत्महत्या का प्रयास किया। इस दौरान अन्य युवकों ने देख लिया और उसे बचाया। गांव लाकर समझाइश दी परंतु किसान एक ही बात कह रहा था- यदि नहर में पानी नहीं छोड़ा तो 5 लाख का कर्ज कैसे चुकाऊंगा। घटना शनिवार को ग्राम बिठेर में हुई। किसान मुकेश पाटीदार (32) इंदिरा सागर परियोजना की नहरों में पानी नहीं...
More »‘सरकारें चाहती हैं कि संसाधनों पर जनता का कोई नियंत्रण न रहे’- मेधा पाटकर
सरदार सरोवर बांध का डूब क्षेत्र 214 किलोमीटर का है. इस परियोजना से लाखों लोग प्रभावित हो रहे हैं. इससे विस्थापित होने वालों में 50 प्रतिशत आदिवासी और 20 प्रतिशत से ज्यादा लोग गरीब और वंचित समुदायों के हैं. नर्मदा बचाओ आंदोलन की शुरुआत जनशक्ति के आधार पर हुई है. अब तक जो हासिल हुआ वह लंबे मैदानी संघर्ष और कानूनी लड़ाइयों की वजह से संभव हुआ है. इस आंदोलन...
More »जल सत्याग्रह: ‘लड़ेंगे-मरेंगे, जमीन नहीं छोड़ेंगे’- जावेद अनीस
देश में भूमि अधिग्रहण कानून को लेकर खूब बहस हो रही है, इधर मध्य प्रदेश में ओंकारेश्वर बांध का जलस्तर बढ़ाए जाने को लेकर करीब एक पखवाड़े से किसान खंडवा जिले के घोघल गांव में जल सत्याग्रह कर रहे हैं. लगातार पानी में खड़े होने से सत्याग्रही किसानों के पैरों की त्वचा भी गलने लगी व खून का रिसाव शुरू हो चुका है. इतना सब होने के बावजूद प्रदेश सरकार...
More »'कुछ दिन और पानी में रहे तो हम भी गजेंद्र हो जाएंगे'
ओंकारेश्वर। हम हमारा अधिकार मांग रहे हैं... मेरी जमीन पर मूंग की फसल बोई थी, यहां पानी भर दिया है। अब मैं क्या करुं कुछ समझ में नहीं आ रहा। कुछ दिन और पानी में रहे तो हम भी गजेंद्र हो जाएंगे। यह दर्द भरी बात घोघलगांव जल सत्याग्रह के 16वें दिन आंदोलनकारी रमेश कड़वाजी ने कही। उन्होंने कहा कि मैं बाकी किसी की बात नहीं करता। मेरे खेत का मुझे...
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