खास बात साल 2001 की जनगणना के अनुसार भारत में कुल श्रमशक्ति की तादाद 40 करोड़ है जिसमें 68.37 फीसद पुरुष और 31.63 फीसद महिला कामगार हैं। @ तकरीबन 75.38% फीसद महिला श्रमशक्ति खेती में लगी है। @ एफएओ के आकलन के मुताबिक विश्वस्तर पर होने वाले कुल खाद्यान्न उत्पादन का 50 फीसद महिलायें उपजाती हैं। # साल 1991 की जनगणना के अनुसार 1981 से 1991 तक पुरुष खेतिहरों की संख्या में 11.67 फीसदी की बढोतरी...
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एप्पल का पेगासस के ख़िलाफ़ मुक़दमा भारत सरकार के लिए शर्मिंदगी का सबब बन सकता है
-द वायर, एप्पल इंक ने पेगासस स्पायवेयर के माध्यम से आईफोन उपयोगकर्ताओं की अवैध निगरानी के लिए इजरायली कंपनी एनएसओ ग्रुप पर मुकदमा दायर किया है, जिसका सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस मामले के लिए नियुक्त एक समिति द्वारा चल रही जांच पर गंभीर असर होगा. यह कदम, जो कुछ भी हुआ उसकी व्यापकता को दिखाता है- कि भारत और अन्य जगहों पर सैन्य ग्रेड के सर्विलांस स्पायवेयर का इस्तेमाल असल में...
More »यूपी में प्राइवेट लैब 25 सौ रुपये में करेंगी कोरोना की जांच
-इंडिया टूडे, उत्तर प्रदेश सरकार ने निजी क्षेत्र की प्रयोगशालाओं द्वारा कोरोना संक्रमण की एकल चरण जांच के लिए अधिकतम फीस 2,500 रुपये निर्धारित की है. मांगे जाने पर इन प्रयोगशालाओं को गुणवत्ता ऑडिट के लिए नमूने चिकित्सा महाविद्यालयों तथा रेफरल प्रयोगशालाओं को उपलब्ध कराना होगा. अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने इस आशय का शासनादेश गुरुवार (18 जून) को जारी किया. शासनादेश में इस बात का जिक्र है कि...
More »दिल्ली सरकार और प्राइवेट अस्पतालों के बीच चल क्या रहा है?
-न्यूजलॉन्ड्री, ‘‘दोस्तों चंद अस्पताल इतने पॉवरफुल हो गए हैं. हर पार्टी में उनकी ऊपर तक पहुंच है. अंदर प्राइवेट में उन्होंने धमकी दी है कि हम कोरोना के मरीज नहीं लेंगे, जो करना है कर लो. मैं उनको कहना चाहता हूं मरीज तो आपको लेने पड़ेंगे. आप लोगों का अस्पताल दिल्ली में पैसे कमाने के लिए नहीं बनवाया गया था. आपका अस्पताल बनवाया था दिल्ली की लोगों की सेवा करने के...
More »निजी अस्पताल में सरकारी पैसे से इलाज की छूट लेकिन निजी परिवहन से यात्रा करने पर सरकारी लाभ से वंचित
-जनचौक, पिछले तीन माह में यह स्पष्ट हो गया है कि कोरोना वायरस महामारी को रोकने में सरकार लगभग हर मोर्चे पर असफल रही है। न केवल सरकार कोरोना वायरस संक्रमण के तेजी से बढ़ते फैलाव को रोकने में असमर्थ रही है बल्कि उसके ही कारण देश के अधिकाँश लोगों को संभवतः सबसे बड़ी अमानवीय त्रासदी झेलनी पड़ी है। सरकार की असंवेदनशील, अल्प-कालिक और संकीर्ण सोच के कारण करोड़ों लोगों के...
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