मोंगाबे हिंदी, 22 दिसम्बर माटी पर्टिन अब इस दुनिया में नहीं है। 97 साल की उम्र में उनका निधन हुआ। जैसे-जैसे पर्टिन की उम्र बढ़ती गईं, उन्हें अन्यत (एक तरह का मोटा अनाज) की खूब याद आती थी। दरअसल, वह इसी अनाज को खाकर बड़ी हुई थी। उनकी पोती डिमम पर्टिन ने कहा, दादी के युवावस्था में यह मोटा अनाज खान-पान का अहम हिस्सा था। तब वह अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी...
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पी.वी. सतीश : लीक से हटकर लकीर खींचने वाले शख्स
बिना शोरगुल मचाए उसने काम किया। न काम का श्रेय लिया; बस अपने हिस्से का काम किया। और एक दिन इस दुनिया को अलविदा कह दिया। उनका जाना भी खामोशी की तहों में छिप गया। लेकिन, पहले भी उनका काम बोल रहा था और आज भी उनका काम बोल रहा है। पी.वी. सतीश; पेरियापटना वेंकटसुब्बैया सतीश। आपकी पैदाइश सन् 1945 के जून महीने की है। जन्म, कर्नाटक के मैसूर जिले के खाते–पीते...
More »अधर में अटकी बिजली परियोजनाओं ने बदला झारखंड के चंदवा का भविष्य
मोंगाबे हिंदी, 14 नवम्बर झारखंड की राजधानी रांची से करीब 70 किलोमीटर दूर चंदवा कस्बे में प्रवेश करने से पहले एक गेट है। इस पर लिखा है – औद्योगिक नगरी चंदवा में आपका स्वागत है। लेकिन कस्बे के अंदर घुसते ही चारों तरफ हताशा और निराशा दिखाई देती है। एक वक्त था जब यहां दो पावर प्लांट (ताप विद्युत घर) का निर्माण तेजी से हो रहा था। तब ऐसा लगता था...
More »अर्थशास्त्री अभिजीत सेन का निधन
अमर उजाला, 30 अगस्त ग्रामीण अर्थव्यवस्था के प्रमुख विशेषज्ञ और योजना आयोग के पूर्व सदस्य प्रोफेसर अभिजीत सेन का एक लंबी बीमारी के बाद सोमवार रात निधन हो गया। वह 72 वर्ष के थे। इसकी जानकारी उनके भाई ने दी। उन्होंने अपने चार दशकों से अधिक के अकादमिक करियर में कई बड़े नामी संस्थानों में पढ़ाया। अभिजीत सेन ने 1985 में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में पढ़ाया, यहां पर वह आर्थिक अध्ययन के...
More »कमला भसीन: वो महिला जिन्होंने अपने गीतों से भारतीय महिलाओं को सशक्त बनाने के आंदोलन को ऊंचाई दी
-बीबीसी, दक्षिण एशिया में अपने नारों, गीतों और अकाट्य तर्कों से नारीवादी आंदोलन को बुलंदियों पर ले जाने वालीं मशहूर लेखिका और नारीवादी आंदोलनकारी कमला भसीन का शनिवार सुबह दिल्ली में निधन हो गया है. सारी उम्र अपनी शर्तों और मानकों पर ज़िंदगी जीने वाली 76 वर्षीय कमला भसीन जीवन के आख़िरी समय में कैंसर से जूझ रही थीं. कमला भसीन को बेहद क़रीब से जानने वालीं नारीवादी कार्यकर्ता कविता श्रीवास्तव बताती हैं...
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