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नेपाल में कबूतरों के बड़े झुंड को लेकर क्यों हैरान हैं शोधकर्ता

मोंगाबे हिंदी, 27 फरवरी नेपाल में तीन शोधकर्ता, हीरूलाल डंगौरा, विक्रम तिवारी और शुभम चौधरी, दिसंबर 2022 में नेपाल के पश्चिमी मैदानी इलाकों में गिद्धों की एक कॉलोनी पर नियमित शोध कर रहे थे। उन्होंने यहां एक असाधारण दृश्य देखा: कबूतरों का एक विशाल झुंड। आसमान में फैले झुंड ने भूरे और सफेद रंग का एक गतिशील कैनवास बनाया। शोधकर्ताओं ने याद करते हुए कहा कि हवा पंखों की लयबद्ध फड़फड़ाहट...

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नेपाल में स्थिर है गिद्धों की आबादी, एक्शन प्लान बनाकर आबादी बढ़ाने पर जोर

मोंगाबे हिंदी, 30 अक्टूबर नेपाल में निचले पहाड़ चीड़ के पेड़ों (पीनस रॉक्सबर्गी) से ढके हुए हैं। गुनगुनी धूप वाली एक सुबह सफ़ेद पूंछ वाले गिद्ध (जिप्स बेंगालेंसिस) का एक जोड़ा एक पेड़ की सुई जैसी हरी पत्तियों और भूरी शाखाओं के बीच घोंसला बनाते हुए देखा जा सकता है। वे एक मजबूत तना चुनते हैं जो शिकारियों से बचने के लिए पर्याप्त ऊंचा है। साथ ही, यह तना गर्म हवाओं को...

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कम हो रहे हैं हिमालय के ग्लेशियर और बर्फ, आने वाले समय में और अधिक खतरे की आशंका – अध्ययन

मोंगाबे हिंदी, 26 अक्टूबर हिमालयन यूनिवर्सिटी कंसोर्टियम (एचयूसी) के फेलो जैकब एफ. स्टीनर ने कहा, “वैज्ञानिकों के रूप में, हमें सबसे ज्यादा चिंता इस बात की है कि हिमालय में ग्लेशियर किस पैमाने पर पिघल रहे हैं।” उदाहरण के लिए, हिमालय में एक ग्लेशियर है जिसकी सबसे लंबे समय तक निगरानी की गई है। यह अब लगभग मर चुका है। वहां जो बचा है वह सिर्फ बर्फ का एक लटका हुआ...

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ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2023: 125 देशों में 111वें स्थान पर भारत, कुपोषण की बेहद गंभीर है स्थिति

डाउन टू अर्थ, 17 अक्टूबर इस साल का ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2023 जारी कर दिया गया है, जिसमें 125 देशों की सूची में भारत को 111वें पायदान पर रखा गया है, जो देश में बढ़ती भुखमरी और कुपोषण की गंभीर स्थिति को दर्शाता है। इस मामले में देश की स्थिति कितनी खराब है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि भारत अपने पडोसी देशों जैसे बांग्लादेश (81) , पाकिस्तान (102)...

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बांग्लादेश में बढ़ता जलवायु विस्थापन, भारत के लिए चेतावनी

कार्बनकॉपी, 24 जुलाई बांग्लादेश में जलवायु शरणार्थियों की संख्या बढ़ रही है। अभी वहां 71 लाख शरणार्थी हैं जिनकी संख्या 2050 तक 1.33 करोड़ हो सकती है। बांग्लादेश में विस्थापितों को बसाने के लिये पर्याप्त उपयुक्त जमीन नहीं है। कृषि और रोजगार चौपट होने से यह शरणार्थी भारत का रुख कर रहे हैं। भारत में नेपाल, श्रीलंका और बांग्लादेश से शरणार्थियों का दबाव बढ़ेगा। कौशल विकास के जरिए विस्थापितों को अन्य देशों में रोजगार...

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