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भारत की शिक्षा व्यवस्था पर 'असर' ने क्या असर डाला ?

औपचारिक शिक्षा के महत्त्व को देखते हुए अधिकांश अभिभावक-गण अपने बच्चों को स्कूल भेजना चाहते हैं। बच्चों के लिए स्कूल ढूँढते हैं, बस्ता खरीदते हैं, पेन- पेन्सिल, कॉपी-किताब खरीदते हैं, स्कूल की पोशाक खरीदते हैं। तमाम सरकारों की भी यही कोशिश रही कि बच्चे स्कूल जाएँ। सरकारों ने विद्यालयों का निर्माण करवाया, शिक्षकों की नियुक्ति की और ज़रूरी सुविधाएँ उपलब्ध करवाई। पिछले कई दशकों में ऐसे कई कदम उठाए गए...

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दुनिया भर में हर तीन में से एक बच्चा पानी की भारी कमी से जूझ रहा है: यूनिसेफ

डाउन टू अर्थ, 14 नवम्बर जहां आज हम भारत में बाल दिवस का उत्सव मना रहे हैं, वहीं दुनिया भर में बच्चे अनेकों समस्याओं का सामना रहे हैं। यूनिसेफ की एक नई रिपोर्ट 'दि क्लाइमेट चेंज्ड चाइल्ड' के अनुसार, तीन में से एक बच्चा या दुनिया भर में 73.9 करोड़ लोग पानी की भारी कमी वाले क्षेत्रों में रहते हैं, जलवायु परिवर्तन के कारण स्थिति के और भी भयावह होने का...

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4 साल की अच्छी मानसूनी वर्षा के बाद अब केरल में सूखे जैसी स्थितियां, अब तक 45 फीसदी कम हुई वर्षा

डाउन टू अर्थ, 25 अगस्त  दक्षिणी पश्चिमी मानसून के कमजोर होने के चलते केरल के सभी 14 जिलों में सूखे जैसी स्थितियां पैदा हो गई हैं। खासतौर से इडुक्की और वायनाड जैसे पहाड़ी जिले भी सूखे जैसी स्थितियों की मार झेल रहे हैं। दक्षिणी पश्चिमी मानसून अपने आखिरी चरण में जा रहा है इसके बावजूद वायनाड में सूखे जैसी स्थितियां विभिन्न तरह के चावल उगाने वाले किसानों के लिए चिंताजनक हो...

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उत्तर भारत भले पानी में डूबा हो लेकिन बूंद-बूंद के लिए तरस रहा है झारखंड

जनचौक, 13 जुलाई हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब और दिल्ली भले ही पानी में डूबे हुए हैं लेकिन देश का एक राज्य झारखंड बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहा है। जुलाई का दूसरा सप्ताह गुजरने वाला है, हिन्दी तारीख से यह सावन का दूसरा सप्ताह है। लेकिन झारखंड में मॉनसून के आगमन के बावजूद बारिश नहीं हो रही है। जिसके कारण जहां एक तरफ खरीफ फसल की खेती के लिए किसान परेशान...

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और तेज करने करने होंगे पानी को बचाने के प्रयास

डाउन टू अर्थ , 28 अप्रैल भारत में लगभग 24 लाख जल स्रोत हैं। यह निष्कर्ष देश के पहले जल निकाय गणना (वाटर बॉडी सेंसस) में सामने आया है। इन जल स्रोतों में बारिश और भूजल-पुनर्भरण किए जाने वाले जल स्रोत दोनों ही शामिल हैं। केन्द्रीय जलशक्ति (जल संसाधन) मंत्रालय के द्वारा की गई इस गणना ने सभी जल स्रोतों की जियो-टैगिंग करते हुए छाया चित्रों और अक्षांश और देशांतर के आधार...

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