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बजट 2024: लैंगिक समानता, महिला सशक्तिकरण के लिए क्या खास होने वाला है?

इंडियास्पेंड, 01 फरवरी साल 2023 लैंगिक समानता के लिहाज से खासा महत्वपूर्ण साबित हुआ है। जहां एक तरफ महिलाओं के लिए संसद और राज्य विधानसभाओं में एक तिहाई सीटें सुनिश्चित करने वाले ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ को पास किया गया, वहीं महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास के प्रति प्रतिबद्धता जाहिर करते हुए भारत की जी20 अध्यक्षता भी काफी सफल रही। लेकिन सिक्के के दूसरे पहलू की तरफ देखें तो तस्वीर कुछ और...

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हरियाणा: बाढ़ व सूखा देख बीमा कंपनियों ने बीमा से किया इंकार, सरकार पर उठे सवाल

डाउन टू अर्थ, 19 सितम्बर बीमा कपंनी ने हरियाणा के सात जिलों के किसानों की फसल का प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के तहत बीमा करने से अपने हाथ पीछे खींच लिए। इसकी वजह इन जिलों में बाढ़ व सूखे की स्थिति बनी है। अब जब खरीफ की फसल तैयार होने को है तो किसानों को इस बात का पता चला कि उनके बैंक खाते से राशि काटे जाने के बाद...

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इवेट बीमा कंपनियों की मनमानी, किसानों को मुआवजा देने से किया इनकार!

गाँव सवेरा, 11 सितम्बर हरियाणा में बीमा कंपनियों पर किसानों का एक हजार करोड़ से ज्यादा का फसल बीमा क्लेम बकाया है. फसल के मुआवजे को लेकर हरियाणा के अलग अलग जिलों में किसान धरना प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन अब तक भी किसानों को फसल का मुआवजा नहीं दिया गया है. फतेहाबाद में फसल मुआवजे की मांग को लेकर स्थानीय विधायक के घर का घेराव करते नजर आ थे किसानों...

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पीएम जन आरोग्य योजना के तहत ‘मृत’ मरीज़ों के इलाज के लिए 6.9 करोड़ रुपये का भुगतान हुआ: कैग

द वायर , 17 अगस्त  आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) के ऑडिट में अनियमितताओं को चिह्नित करते हुए भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) ने कहा है कि इसके तहत 3,446 मरीजों के इलाज के लिए 6.97 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया, जिन्हें डेटाबेस में पहले ही मृत घोषित कर दिया गया था. 2018 में शुरू की गई यह योजना स्वास्थ्य देखभाल की मांग करने वाली गरीब और कमजोर...

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खबरदार

  खास बात • गंगोत्री ग्लेशियर सालाना ३० मीटर की गति से सिकुड़ रहा है।* • अगर समुद्रतल की ऊंचाई एक मीटर बढ़ती है तो भारत में ७० लाख लोग विस्थापित होंगे।* • पिछले बीस सालों में ग्रीनहाऊस गैसों के उत्सर्जन में सर्वाधिक बढ़ोत्तरी जिवाश्म ईंधन के दहन से हुई है।* • मानवीय क्रियाकलापों के कारण ग्लोबल ग्रीन हाऊस गैस के उत्सर्जन में लगातार बढोत्तरी हो रही है। अगर औद्योगीकरण के पहले के समय से तुलना करें तो मानवीय क्रियाकलापों...

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