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पंजाब: कपास की फसल का कम दाम मिलने के कारण खेती छोड़ने पर मजबूर हुए किसान!

 गाँव सवेरा, 4 दिसम्बर कपास की फसल का कम दाम मिलने का कारण कपास किसान राज्य में अगले साल फसल की खेती छोड़ने पर विचार कर रहे हैं. कपास की फसल का रकबा तेजी से घट रहा है और किसानों का कहना है कि कपास की खेती अब घाटे का सौदा साबित हो रही है. बाजार में किसानों को कपास की कीमत न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम मिल रही है....

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खरीफ सीजन 2023: बुआई में सुधार के बावजूद 2021 के मुकाबले 21 लाख हेक्टेयर घटा रकबा

डाउन टू अर्थ, 10 अगस्त  जुलाई के दूसरे पखवाड़े के दौरान हुई बारिश के कारण बेशक खरीफ सीजन की फसलों की बुआई के आंकड़ों में सुधार आया है, लेकिन अभी भी साल 2021 के मुकाबले 21.22 लाख हेक्टेयर में फसलों की बुआई कम हुई है। खासकर बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में फसलों की बुआई पर बड़ा असर दिख रहा है। केंद्रीय कृषि एवं कृषक कल्याण विभाग के आंकड़ों के मुताबिक...

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खरीफ सीजन 2023: राजस्थान ने लगाया दो गुणा अधिक बाजरा, देश में धान का रकबा 26 प्रतिशत घटा

डाउन टू अर्थ, 3 जुलाई  मॉनसून के असमान वितरण और बिपरजॉय चक्रवात ने खरीफ की फसलों पर खासा असर डाला है। एक ओर जहां खरीफ सीजन की मुख्य फसल धान के रकबे में 26 फीसदी कमी आई है, वहीं राजस्थान में बाजरे के रकबे में लगभग दोगुणा बढ़ोतरी हुई है। विशेषज्ञों का कहना है कि राजस्थान में जून महीने में हुई 188 फीसदी अधिक बारिश ने किसानों को काफी फायदा पहुंचाया...

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मॉनसून में देरी: खरीफ फसलों की बुआई पर दिखा असर, 2021 के मुकाबले 30 फीसदी कम हुआ रकबा

डाउन टू अर्थ, 26 जून  मॉनसून में देरी का असर खरीफ फसलों पर बुरी तरह से पड़ा है। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि 23 जून 2023 तक देश में 129.53 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसलों की बुआई हो चुकी है, जो पिछले साल के मुकाबले लगभग 6.12 लाख हेक्टेयर कम है, लेकिन चूंकि पिछले साल भी जून के महीने में मॉनसून देरी से आया था, इसलिए...

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पी.वी. सतीश : लीक से हटकर लकीर खींचने वाले शख्स

बिना शोरगुल मचाए उसने काम किया। न काम का श्रेय लिया; बस अपने हिस्से का काम किया। और एक दिन इस दुनिया को अलविदा कह दिया। उनका जाना भी खामोशी की तहों में छिप गया। लेकिन, पहले भी उनका काम बोल रहा था और आज भी उनका काम बोल रहा है।  पी.वी. सतीश; पेरियापटना वेंकटसुब्बैया सतीश। आपकी पैदाइश सन् 1945 के जून महीने की है। जन्म, कर्नाटक के मैसूर जिले के खाते–पीते...

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