SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 529

क्या एम.एस.पी की मांग सिर्फ एक चुनावी नाटक है ?

वर्ष 2020 में केंद्र सरकार ने किसानों से जुड़े मसलों पर तीन कानून बनाएँ। जिसका किसानों ने भारी विरोध किया। दिल्ली की सरहदों पर डेरा डाला। करीब 13 महीनों की रस्सा-कशी के बाद समाधान का रास्ता निकला। केंद्र सरकार ने तीनों कानूनों को निरस्त कर दिया। किसानों ने धरना/आन्दोलन ख़त्म कर दिया। किसान अपने-अपने घरों की ओर लौट गए। करीब दो वर्ष बाद, एक बार फिर किसान दिल्ली की ओर...

More »

छत्तीसगढ़ः कहां तक सही है प्रतिबंधित तिवरा या खेसारी दाल को समर्थन मूल्य के अंतर्गत लाना

मोंगाबे हिंदी, 12 जनवरी पिछले 50 सालों से भी अधिक समय तक देश में प्रतिबंधित रही, तिवरा या खेसारी दाल की छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर ख़रीदी का मामला अब अटक गया है। असल में कांग्रेस पार्टी ने हाल ही में हुए राज्य के विधानसभा चुनाव के दौरान अपने घोषणापत्र में समर्थन मूल्य पर इस दाल की ख़रीदी का वादा किया था। लेकिन राज्य से कांग्रेस सरकार की विदाई के साथ...

More »

डीएपी के साथ किसानों पर जबरन अन्य दवाइयां खरीदने का दबाव बना रहे डीलर!

गाँव सवेरा, 4 दिसम्बर  खाद और कीटनाशक बेचने वाले व्यापारी किसानों को जरुरी उत्पादों के साथ-साथ गैर जरुरी उत्पाद खरीदने के लिए मजबूर करके उन्हें लूट रहे हैं. इन दिनों गेहूं की बुआई चल रही है, जिसके लिए किसानों को डीएपी की जरूरत है. हालाँकि, जब किसान डीएपी खरीदने के लिए डीलर के पास जाते हैं, तो उन्हें अन्य उत्पाद जैसे नैनो-यूरिया, जिंक और सल्फर आदि खरीदने के लिए मजबूर किया...

More »

सात राज्यों में निर्यातकों ने बंद की बासमती धान खरीद, किसानों पर दोहरी मार

डाउन टू अर्थ, 18 अक्टूबर  देशभर के चावल निर्यातकों ने हरियाणा, पंजाब, यूपी, राजस्थान, दिल्ली, मध्यप्रदेश व जम्मू-कश्मीर की मंडियों में रविवार 15 अक्टूबर 2023 से धान की खरीद बंद कर दी है। इसकी वजह केंद्र सरकार द्वारा बासमती चावल का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी : मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस) कम नहीं करना है। इससे किसानों को दोहरी मार का सामना करना पड़ रहा है। बेमौसमी बारिश और ओलों के कारण जहां...

More »

मध्य प्रदेश: अगस्त में सूखे से और सितंबर में बारिश से फसलें बर्बाद

डाउन टू अर्थ, 25 सितम्बर  नर्मदापुरम जिले की सिवनी मालवा तहसील के ग्राम भैरोपुर के रहने वाले किसान संतोष पटवारी बताते हैं कि अगस्त माह में उनके क्षेत्र में 18 दिन तक बारिश नहीं हुई थी। सूखे जैसे हालत निर्मित हो गए थे। इससे धान, मक्का, सोयाबीन की फसल सूखने की कगार पर पहुंच गई। सितंबर के पहले सप्ताह में लंबे अंतराल के बाद बारिश शुरू हो गई। भारी बारिश से...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close