मोंगाबे हिंदी, 20 मार्च केरल के अट्टापडी हाइलैंड्स में आदिवासी बस्तियों के किनारे पहाड़ी जंगलों में एक बार फिर से बाजरा के लहलहाते खेत नजर आने लगे हैं। यह इलाका पश्चिमी घाट के वर्षा छाया क्षेत्र में पड़ता है, जो एक आदिवासी बेल्ट है। कुछ समय पहले तक आदिवासी बाजरे की खेती से दूर जाने लगे थे। लेकिन आज बदलाव साफ देखा जा सकता है। इसके पीछे की बड़ी वजह न...
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क्या एम.एस.पी की मांग सिर्फ एक चुनावी नाटक है ?
वर्ष 2020 में केंद्र सरकार ने किसानों से जुड़े मसलों पर तीन कानून बनाएँ। जिसका किसानों ने भारी विरोध किया। दिल्ली की सरहदों पर डेरा डाला। करीब 13 महीनों की रस्सा-कशी के बाद समाधान का रास्ता निकला। केंद्र सरकार ने तीनों कानूनों को निरस्त कर दिया। किसानों ने धरना/आन्दोलन ख़त्म कर दिया। किसान अपने-अपने घरों की ओर लौट गए। करीब दो वर्ष बाद, एक बार फिर किसान दिल्ली की ओर...
More »अन्यत मिलेटः अरुणाचल की थाली में वापस आ रहा पारंपरिक खान-पान से जुड़ा मोटा अनाज
मोंगाबे हिंदी, 22 दिसम्बर माटी पर्टिन अब इस दुनिया में नहीं है। 97 साल की उम्र में उनका निधन हुआ। जैसे-जैसे पर्टिन की उम्र बढ़ती गईं, उन्हें अन्यत (एक तरह का मोटा अनाज) की खूब याद आती थी। दरअसल, वह इसी अनाज को खाकर बड़ी हुई थी। उनकी पोती डिमम पर्टिन ने कहा, दादी के युवावस्था में यह मोटा अनाज खान-पान का अहम हिस्सा था। तब वह अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी...
More »घटते भूजल के कारण राजस्थान के किसानों के लिए सोलर पंप का इस्तेमाल कर पाना हुआ मुश्किल
मोंगाबे हिंदी, 06 नवम्बर इस साल जून में जैसे ही तापमान बढ़ा, राजस्थान के झुंझुनू जिले के बदनगढ़ गांव में रहने वाले 69 साल के किसान जमन सिंह सैनी की मुसीबतें भी बढ़ने लगीं थीं। वह अपने 31 एकड़ के बाजरा खेत की सिंचाई एक इलेक्ट्रिक पंप से करने की कोशिशों में लगे थे। उनके सामने कई चुनौतियां थीं, मसलन अनियमित बिजली की आपूर्ति, वोल्टेज में उतार-चढ़ाव और उससे जुड़े खर्चे। हालांकि...
More »घटते भूजल के कारण राजस्थान के किसानों के लिए सोलर पंप का इस्तेमाल कर पाना हुआ मुश्किल
मोंगाबे हिंदी, 3 नवम्बर इस साल जून में जैसे ही तापमान बढ़ा, राजस्थान के झुंझुनू जिले के बदनगढ़ गांव में रहने वाले 69 साल के किसान जमन सिंह सैनी की मुसीबतें भी बढ़ने लगीं थीं। वह अपने 31 एकड़ के बाजरा खेत की सिंचाई एक इलेक्ट्रिक पंप से करने की कोशिशों में लगे थे। उनके सामने कई चुनौतियां थीं, मसलन अनियमित बिजली की आपूर्ति, वोल्टेज में उतार-चढ़ाव और उससे जुड़े खर्चे। हालांकि...
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