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वर्ष 2022 में सार्वजनिक क्षेत्र की नौकरियों में 8.8 फीसदी की कमी आई: रिपोर्ट

द वायर, 2 मार्च वर्ष 2022 में, देश भर में कुल 5,65,000 नए ग्राहक नई पेंशन योजना (एनपीएस) में शामिल हुए. 2021 में यह आंकड़ा 6,19,835 था. बिजनेस स्टैंडर्ड के अनुसार, 2021 की तुलना में 2022 के आंकड़ों में 8.8 फीसदी की गिरावट आई है. यह देखते हुए कि एनपीएस अब सभी केंद्र सरकार की नौकरियों के लिए अनिवार्य है और अधिकांश राज्यों में सरकारी नौकरियों के लिए भी अनिवार्य है, विश्लेषकों का...

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क्या GI टैग बदल पाएगा बिहार में मखाना बिजनेस का भविष्य, नए स्टार्ट-अप में क्यों बढ़ रहा आकर्षण

दिप्रिंट, 27 नवम्बर मखाना अब भारत का नया सुपरफूड बनकर उभरा है और केंद्र सरकार से हाल ही में मिले भौगोलिक संकेतक (जीआई टैग) के बाद अब ये वैश्विक बाज़ार तक पहुंच बनाने को तैयार है. बिजनेस में तेजी के साथ ही बिहार में मखाना के क्षेत्र में अब नए स्टार्ट-अप और कारोबारी भी आने लगे हैं. लेकिन मिथिला क्षेत्र में पीढ़ियों से जो किसान मखाना की खेती कर रहे हैं, वे...

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बात सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की!

क्या इस देश को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की जरूरत है? जिस मकसद को लेकर इन बैंकों का गठन किया गया था क्या वो पूरा कर पा रही हैं? क्या पब्लिक सेक्टर के बैंक निजी क्षेत्र के बैंकों के साथ कुशलतापूर्वक प्रतिस्पर्धा कर पा रही हैं? आज के न्यूज़ अलर्ट समाचार में इन्हीं प्रश्नों का उत्तर ढूंढने की कोशिश करेंगे– सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की कुशलता– रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के एक...

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फूड बिजनेस को लेकर गौतम अडानी और मुकेश अंबानी आमने-सामने

जनसत्ता, 15 सितम्बर अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी विलमर लिमिटेड अपने फूड बिजनेस को तेजी से बढ़ाने के लिए एक बड़ा दांव खेलने जा रही है। कंपनी स्‍थानीय और ओवरसीज एक्विशन के लिए कंपनियों की तलाश कर रही है। दरअसल, मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्‍ट्रीज ने कुछ हफ्ते पहले ही अपने कंज्‍युमर गुड्स बिजनेस को लॉन्‍च करने की घोषणा की थी। रिलायंस इंडस्‍ट्रीज के इस ऐलान के बाद एशिया के सबसे अमीर...

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जेंडर

खास बात   साल 2001 की जनगणना के अनुसार भारत में कुल श्रमशक्ति की तादाद 40 करोड़ है जिसमें 68.37 फीसद पुरुष और 31.63 फीसद महिला कामगार हैं। @ तकरीबन 75.38%  फीसद महिला श्रमशक्ति खेती में लगी है। @ एफएओ के आकलन के मुताबिक विश्वस्तर पर होने वाले कुल खाद्यान्न उत्पादन का 50 फीसद महिलायें उपजाती हैं। # साल 1991 की जनगणना के अनुसार 1981 से 1991 तक पुरुष खेतिहरों की संख्या में 11.67 फीसदी की बढोतरी...

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