SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 97

दिल्ली पर बढ़ता जलवायु संकट, बेमौसम बारिश, बढ़ती नमी के साथ रात में भी नहीं घट रहा तापमान: सीएसई रिपोर्ट

डाउन टू अर्थ, 01 नवम्बर  जलवायु परिवर्तन और चरम मौसम का असर अब देश की राजधानी पर भी दिखने लगा है। सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायरमेंट (सीएसई) ने अपनी नई रिपोर्ट “स्वैल्ट्रिंग नाइट्स: डीकोडिंग अर्बन हीट स्ट्रेस इन दिल्ली” में खुलासा किया है कि दिल्ली में जलवायु परिवर्तन के चलते मौसम तेजी से बदल रहा है। इसकी वजह से तापमान की तुलना में वातावरण में मौजूद नमी में तेजी से इजाफा...

More »

बंद पड़े कोयला बिजली संयंत्रों का अधिग्रहण करना एनटीपीसी के लिए हो सकता है फायदे का सौदा: रिपोर्ट

मोंगाबे हिंदी, 26 जुलाई ऊर्जा बाजारों पर शोध करने वाली संस्था, इंस्टीट्यूट फॉर एनर्जी इकोनॉमिक्स एंड फाइनेंसियल एनालिसिस (आईईईएफए) की एक रिपोर्ट के अनुसार, नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन (एनटीपीसी) को नए कोयला आधारित थर्मल पावर प्लांट बनाने के बजाय बंद पड़े थर्मल प्लांटों का अधिग्रहण करना चाहिए जो भारत की अल्पकालिक ऊर्जा सुरक्षा जरूरतों को पूरा करेंगे और ऋणदाताओं, मुख्य रूप से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की बैलेंस शीट में सुधार...

More »

गरीबों के रसोईघरों में प्रदूषण का जानलेवा स्तर, बच्चों और बुज़र्गों को दूर रहने की सलाह

डाउन टू अर्थ, 4 अक्टूबर वैज्ञानिकों ने कहा कि विकासशील देशों में खाना पकाने के दौरान अन्य लोगों को अनावश्यक रूप से रसोई घर में नहीं रहना चाहिए। बच्चों और वृद्धों को रसोई से बाहर रखना चाहिए ताकि वायु प्रदूषण से होने वाले खतरों से उन्हें बचाया जा सके। यह सुझाव सरे विश्वविद्यालय द्वारा किए गए एक अध्ययन में दिया गया है। सरे विश्वविद्यालय के ग्लोबल सेंटर फॉर क्लीन एयर रिसर्च (जीसीएआरई)...

More »

गरीबी और असमानता

[inside] इंडिया में आर्थिक असमानता: “अरबपति राज” में ब्रिटिश राज से भी ज्यादा है असमानता - रिपोर्ट [/inside] इंडिया के भौगोलिक आकार और जनसंख्या, जो अब दुनिया में सबसे अधिक है, को देखते हुए इंडिया में आर्थिक विकास का वितरण विश्व की आर्थिक असमानता पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालता है। इसलिए इंडिया में आय और संपत्ति की असमानता को सटीक रूप से मापना अत्यधिक आवश्यक है। हाल ही में वर्ल्ड इनइक्वलिटी डाटाबेस ने...

More »

पानी और साफ-सफाई

खास बात - भारत में खुले में शौच करने वाले लोगों की संख्या 626 मिलियन है। यह संख्या 18 देशों में खुले में शौच करने वाले लोगों की संयुक्त संख्या से ज्यादा है।# -ग्रामीण इलाकों में केवल २१ फीसदी आबादी के घरों में शौचालय की व्यवस्था है।* -पेयजल आपूर्ति विभाग के आंकड़ों के हिसाब से कुल १,५०,७३४९ ग्रामीण मानव बस्तियों में से केवल ७४ फीसदी में पूरी तरह और १४ फीसदी में...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close