गाँव सवेरा, 4 दिसम्बर एनसीआरबी यानी राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की 2022 की सालाना रिपोर्ट के अनुसार भारत में हर रोज लगभग 154 किसान और दिहाड़ी मजदूरों ने पारिवारिक समस्याओं और बीमारी के कारण आत्महत्या की है. वहीं 2021 में किसान और दिहाड़ी मजदूरों के हर रोज आत्महत्या करने की संख्या 144 थी. रिपोर्ट के अनुसार किसानों की आत्महत्या के सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र में दर्ज किए गए, इसके बाद कर्नाटक,...
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बीज बाजार पर निजी कंपनियों का कब्जा, मुसीबत में किसान
डाउन टू अर्थ, 20 नवम्बर दलजीत सिंह अपने साढ़े तीन एकड़ के खेतों में धान लगाते हैं। इन खेतों से हर साल लगभग 100 क्विंटल धान पैदा होता है, लेकिन साल 2022 में केवल 19 क्विंटल ही धान निकला। बाकी धान बौना रह गया या सिकुड़ गया। उन्हें आज तक इसका कारण पता नहीं चल पाया। प्रशासनिक अधिकारियों ने उन्हें सिर्फ इतना बताया कि फिजी वायरस की वजह से बीमारी लग...
More »दुनिया भर में हर तीन में से एक बच्चा पानी की भारी कमी से जूझ रहा है: यूनिसेफ
डाउन टू अर्थ, 14 नवम्बर जहां आज हम भारत में बाल दिवस का उत्सव मना रहे हैं, वहीं दुनिया भर में बच्चे अनेकों समस्याओं का सामना रहे हैं। यूनिसेफ की एक नई रिपोर्ट 'दि क्लाइमेट चेंज्ड चाइल्ड' के अनुसार, तीन में से एक बच्चा या दुनिया भर में 73.9 करोड़ लोग पानी की भारी कमी वाले क्षेत्रों में रहते हैं, जलवायु परिवर्तन के कारण स्थिति के और भी भयावह होने का...
More »किसान का 'जेंडर' ?
किसानों के ऊपर जब भी बात की जाती है तब उस बातचीत का दायरा इतना संकीर्ण क्यों हो जाता है ? सिर्फ ‘पुरुष’ किसान को ही किसानों का एकमात्र प्रतिनिधि मान लिया जाता है। ऐसा क्यों ? तमाम अखबारों से लेकर टीवी चैनलों के चित्रपटों पर ‘पुरुष’ किसान ही पूरे कृषक समुदाय का प्रतिनिधित्व कर रहा होता है। क्या इस देश की खेती–बाड़ी में महिलाओं का कोई योगदान नहीं है...
More »कटी हुई अँगुलियाँ और चमचमाती कारें
क्या आप जानते हैं कि आपकी कार बनाते समय कितने लोगों की अँगुलियाँ कट गई थी ? आपने जिस भी कंपनी से कार खरीदी है, क्या वहाँ सुरक्षा मानकों की पालना की जा रही थी ? मजदूरों की सुरक्षा के लिए कौनसे कदम उठाएँ गए हैं ? क्या वो पर्याप्त हैं ? इसी तरह के सवाल का ज़वाब तलाशती है– ‘सेफ इन इंडिया’ की रिपोर्ट – सेफ्टी–नीति 2023 और CRUSHED 2022. ऑटो–मोबाइल क्षेत्र,...
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