मध्यप्रदेश के मंडला जिले में बैगा आदिवासी बेंवर विधि से खेती करते हैं। इसी विधि से ही छत्तीसगढ़ में बैगा व पहाड़ी कोरवा आदिवासी खेती करते हैं। पिछले कुछ समय से इसमें कमी आई है, पर अभी भी यह काफी प्रचलित है। बेंवर विधि से खेती बिना जुताई की जाती है, जिसके लिए पहले ग्रीष्म ऋतु में पेड़ों की छोटी-छोटी टहनियों, पत्ते, घास और छोटी झाड़ियों को एकत्र कर उनमें आग...
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जंगलों की विरासत सहेजते आदिवासी - बाबा मायाराम
छत्तीसगढ़ के मैकल पहाड़ की तलहटी में बसे आदिवासी वन अधिकार पाने के लिए कोशिश कर रहे हैं। उनकी उम्मीदें राज्य में नई सरकार बनने से बढ़ गई हैं, जो स्वयं भी वन अधिकार देने की प्रक्रिया चला रही है। गांवों में जगह-जगह आदिवासी सामुदायिक वन अधिकार के लिए दावा कर रहे है। हाल ही मैंने बिलासपुर जिले के करपिहा,जोगीपुर,बैगापारा, मानपुर, सरईपाली आदि कई गांवों का दौरा किया, जहां वन...
More »पहाड़ी कोरवाओं की बेंवर--- खेती बाबा मायाराम
छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है लेकिन यहां ऐसे समुदाय भी हैं, जो धान की खेती नहीं करते। उनमें से एक समुदाय है पहाड़ी कोरवा। पहाड़ी कोरवा उन आदिम जनजाति में एक है जिनका जीवन पहाड़ों व जंगलों पर निर्भर है। यह आदिवासी पहाड़ों पर ही रहते हैं और इसलिए इन्हें पहाड़ी कोरवा कहते हैं। ये लोग बेंवर खेती करते हैं जिसमें सभी तरह के अनाज एक...
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