-न्यूजलॉन्ड्री, कुछ दिन पहले एक लेख में रूसी विद्वान प्रोफ़ेसर सर्गेई कारागानोव ने कहा है कि पश्चिम के लोकतांत्रिक देशों को यह पता नहीं है कि बिना शत्रु के कैसे रहा जा सकता है. इस बात को समकालीन संदर्भ में समझने के लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के विरुद्ध पश्चिम के रवैये को देखा जाना चाहिए. ब्रिटेन के विदेश मंत्री डॉमिनिक राब ने कहा है कि रूस ने पिछले साल के ब्रिटिश...
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मौलिक अधिकारों का संघर्ष जारी, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार चार्टर के 70 साल
मनुष्यों के लिए नागरिक, सामाजिक, राजनैतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक अधिकार मौलिक मानवाधिकारों की श्रेणी में आते हैं. विभिन्न रिपोर्टें इस बात की पुष्टि करती हैं कि दुनिया की एक बड़ी आबादी आज भी अपने बुनियादी अधिकारों के लिए संघर्षरत है और मानवाधिकार उल्लंघन का शिकार है. मानवाधिकार के पक्ष में आवाज बुलंद करने की जरूरत को समझते हुए कई देश संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में 70 साल पहले एकजुट...
More »लोकतंत्र पर उठते सवाल-- अनुपम त्रिवेदी
देश में चुनावी माहौल है. कुछ प्रदेशों में चुनाव हो रहे हैं और कुछ में शीघ्र होनेवाले हैं. लगभग हर छह माह में कहीं न कहीं चुनाव होते हैं और इन्हें लोकतंत्र के पर्व की संज्ञा दी जाती है. भारत के सांस्कृतिक और धार्मिक कैलेंडर में यूं ही रोज कोई न कोई त्योहार होता है. उन त्योहारों में चुनाव रूपी यह सरकारी त्योहार भी जुड़ गये हैं. सभी यह त्योहार...
More »न बीतनेवाला दिसंबर-- सुजाता
दिसंबर बीतते हुए पिछले कई वर्षों का लेखा-जोखा आप से आप करने लगता है. ब्रेक्जिट, अमेरिकी राष्ट्रपति का चुनाव, सीरिया का गृहयुद्ध, नोटबंदी, राष्ट्रगान, राष्ट्रभक्ति, इन सबका हिसाब लगाने के बाद भी एक दिसंबर बचा रहता है, जो कई वर्षों से नहीं बीता. न वह नया होता है न पुराना. वह बस टंग गया है दीवार पर. उसकी तारीखें बदलती हैं, लेकिन उसकी तासीर नहीं बदलती. यह हमेशा उतना ठंडा...
More »मुझे बताएं, कैसे कम है महंगाई - रघुराम राजन
मुंबई। रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने अपने आलोचकों को आड़े हाथों लिया है। उन्हें चुनौती देते हुए पूछा कि वे बताएं कि महंगाई कम कैसे है। राजन बोले कि यह आरोप कि सिर्फ महंगाई को काबू में लाने पर ही ध्यान केंद्रित किया गया है न कि आर्थिक विकास दर पर, इस तरह की आलोचना बेकार है। राजन पर ग्रोथ की बजाय महंगाई पर ज्यादा फोकस करने का...
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