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आदिवासियों के सवालों पर चुप्पी क्यों?

-डाउन टू अर्थ, भारत जैसे महादेश में आज आदिवासियत पर विमर्श अपरिहार्य है। वास्तव में यह केवल अस्मिता अथवा अधिकारों का मसला मात्र नहीं है - आदिवासियत की प्रासंगिकता उन तमाम संदर्भों से भी है, जो आदिवासी समाज के संपन्नता से विपन्नता तक के संक्षिप्त इतिहास में आज कहीं जाहिर-अजाहिर तौर पर दर्ज हैं। सरकारों के लिये आदिवासियत का पूर्ण-अपूर्ण अर्थ आदिवासी समाज का 'संवैधानिक दर्जा' है। एक ऐसा संवैधानिक दर्जा,...

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सिंगूर पर SC सख्त, TATA से ज़मीन लेकर किसानों को वापस दे सरकार

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अपने एक अहम् फैसले में पश्चिम बंगाल सरकार को आदेश दिया है कि वो 12 हफ़्तों के भीतर सिंगूर में टाटा नैनो की फैक्ट्री के लिए अधिग्रहित की गई 1000 एकड़ ज़मीन को जमीन के मालिकों को वापस कर दे। कोर्ट के फैसले के मुताबिक जमीन के मालिकों से मुआवजा भी वापस नहीं लिया जाएगा। कोर्ट का कहना है कि उनसे ज़मीन लेकर उनकी आजीविका...

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प्रतिष्ठा का प्रश्न बना भूमि अधिग्रहण विधेयक - परंजॉय गुहा

मोदी सरकार का भू-अधिग्रहण अध्यादेश 5 अप्रैल को समाप्त हो रहा है और सरकार ने पुन: अध्यादेश लाने का निर्णय किया है। यह एक बहुत बड़ा राजनीतिक जुआ है। चूंकि राजग के पास राज्यसभा में बहुमत नहीं है, इसलिए पूरी संभावना है कि जब यह अध्यादेश विधेयक की शक्ल में वहां जाएगा, तो निरस्त हो जाएगा। ऐसे में सरकार के पास संसद का संयुक्त सत्र बुलाने के सिवा कोई और...

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भूमि अधिग्रहण पर मध्यमार्ग- सुधांशु रंजन

केंद्र सरकार ने भूमि अधिग्रहण कानून (उचित मुआवजे का अधिकार एवं भूमि अधिग्रहण में पारदर्शिता, पुनर्वास एवं पुनस्र्थापना अधिनियम, 2013) में संशोधन करने के लिए अध्यादेश जारी किया है. कांग्रेस एवं अन्य विपक्षी दलों ने संसद सत्र समाप्त होने के तुरंत बाद अध्यादेश जारी किये जाने को अलोकतांत्रिक एवं संसद का अपमान बताया है, जबकि सरकार का पक्ष है कि सरकार ने संदेश देने का प्रयास किया है कि उद्योगों...

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पुरानी परेशानियों का खुलेगा पिटारा - जयराम रमेश

विगत सोमवार को मोदी सरकार ने भूमि अधिग्रहण कानून-2013 में संशोधन के लिए प्रस्तावित अध्यादेश को मंजूरी दे दी। इस संशोधन के संदर्भ में जो कुछ सामने आया है, उसके तहत कुछ परियोजनाओं की अलग श्रेणी बनाई गई है, जिन्हें कथित तौर पर त्वरित ढंग से पूरा किया जाना है। इस श्रेणी के तहत जो विषय शामिल किए गए हैं, उनमें औद्योगिक कॉरिडोर, रक्षा एवं रक्षा उत्पादन तथा ग्रामीण बुनियादी...

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