-बीबीसी, भारत में ही नहीं यूरोप या किसी अन्य महाद्वीप में आज कम्युनिस्ट आंदोलन बहुत मजबूत नहीं रह गया है. लेकिन इस दौरान इस विचारधारा की राजनीति भारत में अपने 100 साल पूरे कर लिए हैं. अब तक के इस सफ़र के पांच सबसे अहम पड़ाव और भारतीय राजनीति में उनके मायनों पर एक नज़र: 1. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की ताशकंद में स्थापना-कांग्रेस के साथ रिश्ते भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की शुरुआत 17 अक्टूबर, 1920...
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क्या धरती पर जीवन के अंत का छठा दौर शुरू हो गया है?
-सत्याग्रह, लगभग साढ़े चार अरब साल पुरानी हमारी धरती ने पिछले 54 करोड़ सालों के दौरान सामूहिक विलुप्ति के पांच दौर देखे हैं. वैज्ञानिक कहते हैं कि ऐसे हर दौर में पृथ्वी से 50 फीसदी से ज्यादा प्रजातियों का सफाया हो गया. इस तरह की पांचवीं घटना करीब साढ़े छह करोड़ साल पहले तब हुई थी जब दूसरे कई जीवों के साथ डायनासोर भी गायब हो गए थे. वैज्ञानिकों का एक...
More »क्या है रुपये का सही मूल्य-- अश्विनी महाजन
पिछले कुछ महीनों से रुपये में भारी अवमूल्यन हो रहा था और रुपये डाॅलर की विनिमय दर जो अप्रैल 2018 में लगभग 64 रुपये प्रति डाॅलर थी, 11 अक्तूबर, 2018 तक 74.48 रुपये प्रति डाॅलर पहुंच चुकी थी. एक ओर जहां कमजोर होते रुपये के चलते देश में चिंता का माहौल व्याप्त हो रहा था, नीति निर्माण से जुड़े हुए कई महानुभाव यह कह रहे थे कि रुपये का गिरना...
More »जड़ों से कटा आधारहीन वर्ग--पवन के वर्मा
एक ब्लॉगिंग साइट को दिये एक इंटरव्यू में मैंने यह कहा कि लुटियन (नयी दिल्ली का अंग्रेजों द्वारा निर्मित हिस्सा) का उच्च वर्ग चतुर्दिक जल से घिरे द्वीपों की तरह जड़ एवं आधार से रहित है, जिसकी पहचान सिर्फ और सिर्फ अंग्रेजी ही है. इसके पक्ष और विपक्ष में बड़ी तादाद में टिप्पणियां आयीं. इसलिए मैंने यह महसूस किया कि मुझे अपनी बात का आशय कुछ और विस्तार से प्रकट...
More »श्रम के भूमंडलीकरण की जरूरत-- कृष्णप्रताप सिंह
विडंबना देखिए कि भूमंडलीकरण के भरपूर व्याप जाने के बावजूद दुनिया के कई देशों में मजदूर दिवस सरकारी छुट्टी का दिन है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के संस्थापक सदस्य भारत में नहीं. ऐसा क्यों है? दरअसल, 19वीं शताब्दी के नौवें दशक तक मजदूर अत्यंत कम व अनिश्चित मजदूरी पर सोलह-सोलह घंटे काम करने को अभिशप्त थे. सन् 1810 के आसपास ब्रिटेन में उनके सोशलिस्ट संगठन ‘न्यू लेनार्क' ने राबर्ट ओवेन...
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