खास बात साल 2001 की जनगणना के अनुसार भारत में कुल श्रमशक्ति की तादाद 40 करोड़ है जिसमें 68.37 फीसद पुरुष और 31.63 फीसद महिला कामगार हैं। @ तकरीबन 75.38% फीसद महिला श्रमशक्ति खेती में लगी है। @ एफएओ के आकलन के मुताबिक विश्वस्तर पर होने वाले कुल खाद्यान्न उत्पादन का 50 फीसद महिलायें उपजाती हैं। # साल 1991 की जनगणना के अनुसार 1981 से 1991 तक पुरुष खेतिहरों की संख्या में 11.67 फीसदी की बढोतरी...
More »SEARCH RESULT
बच्चियों के जीने लायक बने दुनिया-- डॉ सय्यद मुबीन जेहरा
कुछ मौतों का जिक्र हमारी जबान पर इसलिए नहीं आता है कि हम अब बड़ी-बड़ी मौतों पर चिंतन करनेवाले लोग हो गये हैं और हमारे चिंतन का केंद्र बिंदु भी सिर्फ सियासी हो चुका है. इसमें समाज के लिए न तो पहले जगह थी और न ही अब है और अगर यही हालात रहे, तो आगे भी नहीं होगी! जो समाज अपने बचपन से जुड़ी समस्या को लेकर चिंतित नहीं...
More »हरियाणा में लिंगानुपात में सुधार की धमक पूरे देश में
चंडीगढ़। राष्ट्रीय स्तर पर हरियाणा में लिंगानुपात की बदतर स्थिति दर्शाने वाले नीति आयोग को केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने आईना दिखा दिया है। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ की मुहिम में शानदार प्रदर्शन के कारण सोनीपत को देश के शीर्ष दस जिलों में शामिल किया गया है। पीएनडीटी (प्री-नेटल डायग्नोस्टिक टेक्निक) एक्ट कैटेगरी में हरियाणा के खाते में यह उपलब्धि आई। हरियाणा से सोनीपत इकलौता जिला है जिसे यह सम्मान...
More »राजद्रोह का चना जोरगरम-- चंदन श्रीवास्तव
फिल्म प्यासा का गीत है- ‘सर जो तेरा चकराये या दिल डूबा जाये', एक जगह तनिक छेड़ के साथ पात्र कहता है कि ‘लाख दुखों की एक दवा है क्यों ना आजमाये.' ऐसी दवा साहित्य के पन्नों में मिला करती है, लेकिन लगता है अब राजनीति ने भी यह दवा खोज निकाली है. सार्वजनिक महत्व के मसले पर राजनीतिक असहमति से उपजनेवाले तमाम दुख-दर्दों से छुटकारे की इस दवा का...
More »भ्रूण के लिंग परीक्षण पर बहस-- अंजलि सिन्हा
महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने पिछले दिनों कहा था कि हर गर्भवती महिला के भ्रूण का लिंग परीक्षण होना चाहिए तथा माताओं को उनके बच्चे का लिंग बता दिया जाना चाहिए, ताकि निगरानी हो सके कि माता-पिता कन्या को पैदा कर रहे हैं या नहीं. इस पर विपरीत प्रतिक्रिया मिलने पर मेनका गांधी ने सफाई दी कि यह ‘प्रस्ताव' नहीं, बल्कि ‘विचार' है. इस बयान के...
More »