मोंगाबे हिंदी, 21 मार्च क्या आप जानते हैं कि दुनिया में करीब 2.76 करोड़ लोग हर दिन जबरन मजदूरी करने को मजबूर हैं। मतलब कि प्रति हजार लोगों पर 3.5 लोग वो हैं जो आधुनिक दासता के इस दलदल में फंसे हैं। यह जानकारी अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) द्वारा जारी नई रिपोर्ट 'प्रोफिट्स एंड पावर्टी: द इकोनॉमिक्स ऑफ फोर्स्ड लेबर' में सामने आई है। आंकड़ों के मुताबिक जबरन मजदूरी के हर 10...
More »SEARCH RESULT
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस विशेष: अनीमिया भारत के स्वास्थ्य परिदृश्य में एक अदृश्य लेकिन विकराल चुनौती
डाउन टू अर्थ, 11 मार्च मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के एक छोटे से गाँव सोनीपुर में रहने वाली 12 वर्षीय रानी आदिवासी (परिवर्तित नाम) खून की कमी के चलते लिवर से जुड़ी गंभीर समस्याओं से जूझ रही है। जब उसे इलाज के लिए शिवपुरी ज़िला अस्पताल लाया गया तब उसका हीमोग्लोबिन स्तर मात्र 3.7 पाया गया था। कुल 8 सदस्यों के परिवार मे पली-बड़ी रानी का परिवार जीविका के लिए...
More »औद्योगिक विस्तार और प्रदूषण: संकट में खेती और परंपरागत व्यवसाय
डाउन टू अर्थ, 15 जनवरी नवंबर के पहले हफ्ते में काली मिट्टी में उगा सफेद सोना लहलहाने लगा है। कानम प्रदेश के नाम से मशहूर ये गुजरात के भरूच जिले की कॉटन बेल्ट है। जो अपनी उच्च गुणवत्ता की कपास (रुई) के लिए जानी जाती है। खेतों से कपास चुन रही महिला श्रमिकों का समूह तल्लीनता से अपने काम में रमा हुआ है। सारा दिन तेज धूप में खड़े होकर वे कपास...
More »छला महसूस कर रहे हैं बीटी कपास अपनाने वाले किसान
डाउन टू अर्थ,11 दिसम्बर राजस्थान में श्री गंगानगर जिले के 23 एमएल गांव के 40 वर्षीय शमशेर सिंह की दिनचर्या 25 सितंबर 2023 को आम दिनों की तरह ही थी। उन्होंने दोपहर 3.30 बजे सब्जी रोटी खाई, फिर एक झपकी ली। उसके बाद उठकर चाय पी। इस वक्त तक उनकी पत्नी जसविंदर कौर, उनके 17 वर्षीय बेटा जसविंदर और 11 व 14 साल की बेटियों जसप्रीत और पुष्पा कौर ने उनके...
More »हर रोज 154 किसान और दिहाड़ी मजदूरों ने की आत्महत्या: NCRB रिपोर्ट
गाँव सवेरा, 4 दिसम्बर एनसीआरबी यानी राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की 2022 की सालाना रिपोर्ट के अनुसार भारत में हर रोज लगभग 154 किसान और दिहाड़ी मजदूरों ने पारिवारिक समस्याओं और बीमारी के कारण आत्महत्या की है. वहीं 2021 में किसान और दिहाड़ी मजदूरों के हर रोज आत्महत्या करने की संख्या 144 थी. रिपोर्ट के अनुसार किसानों की आत्महत्या के सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र में दर्ज किए गए, इसके बाद कर्नाटक,...
More »