खास बात साल 2001 की जनगणना के अनुसार भारत में कुल श्रमशक्ति की तादाद 40 करोड़ है जिसमें 68.37 फीसद पुरुष और 31.63 फीसद महिला कामगार हैं। @ तकरीबन 75.38% फीसद महिला श्रमशक्ति खेती में लगी है। @ एफएओ के आकलन के मुताबिक विश्वस्तर पर होने वाले कुल खाद्यान्न उत्पादन का 50 फीसद महिलायें उपजाती हैं। # साल 1991 की जनगणना के अनुसार 1981 से 1991 तक पुरुष खेतिहरों की संख्या में 11.67 फीसदी की बढोतरी...
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घर में झाड़ू-पोंछा लगाने से लेकर पद्म श्री तक का सफर, पढ़िए दुर्गा बाई की प्रेरक कहानी
-द बेटर इंडिया, मूल रूप से मध्य प्रदेश के डिंडोरी के छोटे से गांव बुरबासपुर की रहने वाली दुर्गा बाई व्योम (Durga Bai Vyom) कभी स्कूल नहीं गईं। लेकिन कला के दम पर उन्होंने देश में अपनी एक खास जगह बनाई है। दरअसल, दुर्गा बाई को आदिवासी कला को एक नई ऊंचाई देने के लिए हाल ही में पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। लेकिन उनकी यहां तक पहुंचने की...
More »न्यायपालिका में लैंगिक असमानता चिंताजनक: SC में 33 में सिर्फ 4 महिला जज, HCs में 627 में केवल 66
-द प्रिंट, पिछले महीने, भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने भारतीय न्यायपालिका में महिलाओं की बेहद कम नुमाइंदगी पर खेद व्यक्त किया. सीजेआई सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे, जिसमें सुप्रीम कोर्ट में हाल में नियुक्त किए गए नौ जजों का अभिनंदन किया गया, जिनमें तीन महिलाएं थीं. उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि अब समय है कि न्यायपालिका में, 50 प्रतिशत सीटें महिलाओं के लिए...
More »भारत के 25 हाईकोर्ट में पुरुष जज 567 तो महिला जज महज 77
-न्यूजलॉन्ड्री, 15 अगस्त 2018 को लाल किले से भाषण देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था, ‘‘यह हमारे लिए गर्व का विषय है कि हमारे देश के सुप्रीम कोर्ट में तीन महिला जज बैठी हुई हैं. कोई भी भारत की नारी गर्व कर सकती है कि तीन महिला जज न्याय कर रही हैं.’’ उस समय सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस इंदु मल्होत्रा, जस्टिस आर भानुमति और जस्टिस इंदिरा बनर्जी जज थीं. तीन साल बाद...
More »भारत में महिलाओं के घरेलू कामकाज का मेहनताना अगर होता तो कितना?
-बीबीसी, हाल में ही एक फ़िल्म स्टार की लॉन्च की गई राजनीतिक पार्टी ने वादा किया है कि अगर वह सत्ता में आती है तो घर-गृहस्थी संभाल रही महिलाओं को वेतन दिया जाएगा. एक क़द्दावर सांसद ने भी इस आइडिया का समर्थन किया है. उन्होंने कहा है कि गृहस्थी संभाल रही महिलाओं को उनकी सेवाओं के लिए पैसे देने से उनकी ताक़त और स्वायत्तता बढ़ेगी और इससे एक यूनिवर्सल बेसिक इनकम पैदा...
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