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नीति आयोग ने गौशालाओं को आर्थिक रूप से व्यवहारिक बनाने की वकालत की, रियायती दरों पर पूंजी उपलब्ध कराने की बताई जरूरत

रूरल वॉयस, 05 मई  नीति आयोग के एक पैनल ने सुझाव दिया है कि गौशालाओं की पूंजी सहायता के माध्यम से मदद की जानी चाहिए। साथ ही खेती में उपयोग के लिए गाय के गोबर और गोमूत्र-आधारित वस्तुओं की मार्केटिंग की जानी चाहिए ताकि गौशालाओं को आर्थिक रूप से व्यवहारिक बनाया जा सके। इसके अलावा गौशालाओं के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए एक पोर्टल बनाने का प्रस्ताव पैनल ने दिया है। इस...

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डॉक्टरों पर काम का बोझ, मरीज परेशान, पहुंच से परे रिकॉर्ड- हैकर्स ने एम्स को अधर में लटका दिया

दिप्रिंट, 01 दिसंबर तीन दिन पहले जब नमिता मंडल एम्स-दिल्ली में अपनी 41 वर्षीय मां के लिए ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट बुक नहीं करा सकी तो वे स्लॉट बुक करने के लिए नोएडा से दिल्ली चली आईं लेकिन उस दिन काफी देर हो गई थी. अगले दिन सुबह 11 बजे खुलने वाले बुकिंग काउंटर पर लाइन लगाने के लिए वह सुबह तीन बजे अस्पताल पहुंचीं. वह कतार में 12वें नंबर पर थीं. उनकी मां...

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जेंडर

खास बात   साल 2001 की जनगणना के अनुसार भारत में कुल श्रमशक्ति की तादाद 40 करोड़ है जिसमें 68.37 फीसद पुरुष और 31.63 फीसद महिला कामगार हैं। @ तकरीबन 75.38%  फीसद महिला श्रमशक्ति खेती में लगी है। @ एफएओ के आकलन के मुताबिक विश्वस्तर पर होने वाले कुल खाद्यान्न उत्पादन का 50 फीसद महिलायें उपजाती हैं। # साल 1991 की जनगणना के अनुसार 1981 से 1991 तक पुरुष खेतिहरों की संख्या में 11.67 फीसदी की बढोतरी...

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कोरोना महामारी के दौरान भारत में अन्य किसी देश की तुलना में सर्वाधिक मौतें हुईंः रिपोर्ट

-द वायर,  एक नए विश्लेषण के मुताबिक साल 2020 और 2021 में कोविड-19 महामारी के दौरान भारत में अनुमानित रूप से 40.7 लाख लोगों की मौत हुई. यह संख्या आधिकारिक तौर पर भारत में कोविड-19 से हुई मौतों से आठ गुना अधिक है. इस समय कोरोना वायरस संक्रमण से हुई आधिकारिक मौतों की संख्या पांच लाख से कुछ अधिक है. इस विश्लेषण के जरिये पहली बार दुनियाभर में कोविड-19 के दौरान अत्यधिक मौतों...

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कोविड: तीन राज्यों में आधिकारिक आंकड़े से 3.5 लाख ज़्यादा मौतें, मुआवज़ा पाना टेढ़ी खीर

-द वायर, पिछले साल, जिस समय नोवेल कोरोना वायरस ने मूल से कहीं ज्यादा घातक रूप अख्तियार कर लिया था- जिसने भारत में कोविड-19 की दूसरी प्रचंड लहर को जन्म दिया- उसी समय श्रवण सिंह खुद को सुरक्षित रखने के लिए अपने घर आ गए. सिंह को लगा कि तमिलनाडु की तुलना में, जहां वे काम करते थे, राजस्थान के सीकर में उनके कोरोना से बचने की संभावना कहीं ज्यादा है. धोद स्थित...

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