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वायु प्रदूषण कम करने के लिए मॉनीटिरिंग बढ़ाने, सेहत को अहमियत देने की जरूरत: एक्सपर्ट

मोंगाबे हिंदी, 01 मार्च अक्टूबर महीने के आखिरी हफ्ते में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) और इसके आसपास के इलाकों को धुंधु की एक जहरीली परत ने ढक लिया था। इसी के साथ हर साल की सर्दियों के साथ शुरू होने वाले प्रदूषण के मौसम की शुरुआत हुई थी। सरकार के हालिया निर्देशों के मुताबिक, आने वाले भविष्य में भी वायु प्रदूषण के स्तर में कोई राहत नहीं मिलने वाली है और...

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पराली समस्या पर सरकारी प्रयास अव्यावहारिक, क्या है पर्यावरण हितैषी स्थायी समाधान?

डाउन टू अर्थ, 20 अक्टूबर  भारत सहित पूरी दुनिया के लगभग 80 प्रतिशत किसान धान की पराली जलाते हैं, जिससे गंभीर वायु प्रदूषण फैलता है। जो हर साल घनी आबादी और ज्यादा औद्योगिक घनत्व वाले भारत के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र मेंं अक्टूबर-नवंबर महीने मेंं हवा की गति कम होने और हिमालय से ठंडी हवा आने से बहुत ज्यादा गंभीर हो जाता है। इस वायु प्रदूषण समस्या के समाधान के लिए केन्द्र...

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पराली समस्या पर सरकारी प्रयास अव्यावहारिक, क्या है पर्यावरण हितैषी स्थायी समाधान?

डाउन टू अर्थ, 18 अक्टूबर  भारत सहित पूरी दुनिया के लगभग 80 प्रतिशत किसान धान की पराली जलाते हैं, जिससे गंभीर वायु प्रदूषण फैलता है। जो हर साल घनी आबादी और ज्यादा औद्योगिक घनत्व वाले भारत के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र मेंं अक्टूबर-नवंबर महीने मेंं हवा की गति कम होने और हिमालय से ठंडी हवा आने से बहुत ज्यादा गंभीर हो जाता है। इस वायु प्रदूषण समस्या के समाधान के लिए केन्द्र...

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अपशिष्ट जल का दोबारा उपयोग: भारत में जल संकट से निपटने का एक स्थायी रास्ता

द थर्ड पोल, 20 जुलाई यमुना नदी के पुनरुद्धार को लेकर, एक उच्च-स्तरीय समिति की, 21 अप्रैल को हुई बैठक के दौरान, दिल्ली के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना ने राजधानी के अपशिष्ट जल या सीवेज के ट्रीटमेंट यानी शोधन में तेजी लाने की अपील की थी। बतौर उपराज्यपाल, जिससे वह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के संवैधानिक प्रमुख हैं, सक्सेना ने बताया कि किस तरह से राजधानी में, इस समय हर दिन 290.7 करोड़...

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बिहार में बाढ़ और बढ़ती हिंसा झेल रही हैं महिलाएं

द थर्ड पोल ,  10 मार्च अगस्त 2017 में, बिहार में, आई विनाशकारी बाढ़ के बाद, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। उस समय, राज्य का लगभग 3,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पानी में डूबा हुआ था। बाढ़ प्रभावित यह क्षेत्र राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के आकार से दोगुना था। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस आपदा ने 815 लोगों की जान ले ली और लगभग 900,000...

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