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केवल रोजगार के आंकड़े काफी नहीं, रोजगार में गुणपूर्णता जरूरी!

बेहतर आर्थिक वृद्धि मौजूदा दौर के हर ‘राष्ट्र राज्य’ की पहली प्राथमिकता है। और इस प्राथमिकता को हासिल करने के लिए जरूरी है अर्थव्यवस्था का पहिया तेज गति से घूमे। पहिए की गति उत्पादन (प्रोडक्शन) पर निर्भर करती है। जितना अधिक उत्पादन होगा उतने ही अधिक गति से पहिया दौड़ेगा। उत्पादन मुख्यत दो कारकों पर टिका रहता है–पहला पूंजी और दूसरा मजदूर। लेकिन मशीनें आ जाने के बाद उत्पादन के मामले में...

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सरकारी आंकड़े बताते हैं कि कोविड के दौरान भारत का ‘वेतनभोगी वर्ग’ सिकुड़ा, मुस्लिमों पर सबसे ज्यादा असर

दिप्रिंट ,16 अगस्त  कोविड के बाद भारत के जॉब मार्केट में दुख जताने के लिए बहुत कुछ है, जहां रिकवरी दर्दनाक रूप से काफी धीमी रही है. सरकारी आंकड़े बताते हैं कि जब वेतनभोगी क्षेत्र की बात आती है, तो धार्मिक अल्पसंख्यकों की- मुसलमान, सिख और ईसाईयों की इसी क्रम में भागीदारी सबसे अधिक प्रभावित हुई है. सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय का यह नवीनतम आवधिक श्रम बल सर्वे (पीएलएफएस) आंशिक रूप...

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मता-ए-लौह-ओ-कलम 370 के बाद कश्मीर में कत्ल की जाती पत्रकारिता

-कारवां, 15 जनवरी को दोपहर 1.45 बजे कश्मीर प्रेस क्लब परिसर में एक बख्तरबंद काफिला दनदनाता हुआ घुसा. श्रीनगर के लाल चौक के पास पोलो व्यू पर स्थित प्रेस क्लब कश्मीर के पत्रकारों की नुमाइंदगी करता है. इससे एक दिन पहले से ही क्लब में पुलिस की मौजूदगी बढ़ा दी गई थी और बाहर सड़क पर गश्त थी. काफिला पहुंचने से पहले एक पुलिस अधिकारी ने गश्त के बारे में संवाददाताओं से...

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दवाओं की कमी से जूझती वाराणसी की कुपोषित मुसहर महिलाएं

-इंडियास्पेंड, वाराणसी जिले के बड़ागांव ब्लॉक में हमीरपुर गांव की रहने वाली शांति बनवासी अपने पति अर्जुन बनवासी (28 ) और दो छोटे बच्चों के साथ रहती हैं। शांति कुपोषण और एनीमिया ग्रस्त हैं और 22 वर्ष की आयु में ही दो बच्चों की माँ बन चुकी हैं। शांति के पति अर्जुन मजदूरी करते हैं और अभी काम पर गए हैं। दोपहर के 2:00 बज रहे हैं और शांति के पेट में...

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कोविड-19 और दीर्घकालिक गरीबी: ग्रामीण राजस्थान से साक्ष्य

-आइडियाज फॉर इंडिया, प्रारंभिक गणना के आधार पर, भारत में कोविड-19 के कारण 7.7 से 22 करोड़ लोग गरीबी में आ गए हैं, जिसके अनुसार अब शहरी आबादी में गरीब 60% और ग्रामीण आबादी में 70% हो गए हैं। वर्ष 2002 में ग्रामीण राजस्थान में किए गए सर्वेक्षण के 2021 में किये गए फॉलोअप के आधार पर, यह लेख दर्शाता है कि परिवारों को मार्च 2020-अगस्त 2021 के दौरान अपनी नकद आय का...

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