- द वायर, लोकपाल को अब तक 1,600 से भी कम शिकायतें मिली हैं जबकि 2019 में गठित इसके कार्यालय के निर्माण में ही लगभग 60 करोड़ रुपये खर्च हुए थे. हालांकि कार्यकर्ताओं को अधिक चिंता इस बात की है कि लोकपाल के समक्ष प्रति वर्ष दर्ज की जा रही शिकायतों की संख्या तेजी से घटी है. यह 2019-2020 में 1,427 से घटकर 2020-2021 में 110 हो गई जबकि मौजूदा वित्तीय वर्ष...
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क्या मोदी सरकार ने चुनावी फायदे के लिए एक स्वतंत्र और विश्वनीय लोकपाल की बलि दे दी- अंजलि भारद्वाज
एक जनवरी 2014 को राष्ट्रपति ने संसद द्वारा पारित लोकपाल एवं लोकायुक्त कानून को मंजूरी दी थी. एक दमदार जन आंदोलन के बाद यह कानून बना था, जिसका मकसद भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए एक प्रभावी व स्वतंत्र लोकपाल (ऑम्बुड्समैन) बनाना था. ऐसा लोकपाल जो बिना किसी भय या पक्ष लिए उच्च स्तरीय सरकारी मशीनरी में भ्रष्टाचार के बड़े से बड़े मामलों को देखे. लोकपाल की जरूरत इसलिए महसूस की...
More »12 राज्यों में लोकायुक्त के पद ख़ाली, चार राज्यों ने क़ानून ही नहीं बनाया: आरटीआई
नई दिल्ली: सरकारी तंत्र में उच्च स्तर पर भ्रष्टाचार के मामलों को देखने के लिए साल 2013 में ‘लोकपाल और लोकायुक्त विधेयक' बनाया गया था. जहां एक तरफ केंद्र की मोदी सरकार ने चार साल बाद भी लोकपाल की नियुक्ति नहीं की है, वहीं कई राज्यों का भी हाल ऐसा ही है. भ्रष्टाचार और पारदर्शिता के मुद्दे पर काम करने वाली गैर सरकारी संस्था ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल इंडिया द्वारा दायर सूचना का...
More »बंगाल विधानसभा : नये विधेयक में लोकायुक्त के दायरे से सीएम को बाहर रखा गया
कोलकाता : विधानसभा में ‘द वेस्ट बंगाल लोकायुक्त (संशोधन) विधेयक-2018' गुरुवार को पेश होगा. प्रस्तावित विधेयक से मुख्यमंत्री को लोकायुक्त के जांच के दायरे से अलग रखा गया है. गुरुवार को प्रस्तावित विधेयक पर बहस के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के उपस्थित रहने की संभावना है. उल्लेखनीय है कि ‘द वेस्ट बंगाल लोकायुक्त (संशोधन) विधेयक-2018' की प्रति विधानसभा का अधिवेशन शुरू होने के पहले विधायकों को वितरित की गयी थी,...
More »भ्रष्टाचार-रिश्वतखोरी की लोकायुक्त में रोजाना 18 से ज्यादा शिकायतें
भोपाल। मप्र में सरकारी तंत्र में फैले भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के कारण 2017-18 में 6742 लोगों ने शिकायतें की थीं। यानी हर रोज करीब 18 से ज्यादा शिकायतें की गईं जिनमें से 20 फीसदी मामलों को ही लोकायुक्त द्वारा जांच के योग्य माना गया और कार्रवाई की जाती है। विधिक सलाहकारों की कमी के चलते शिकायतों और जांचों के निराकरण में कमी आई है। सूत्रों के मुताबिक लोकायुक्त संगठन में पांच...
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