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कैसे काम करता है भीख मांगने और सर्कस से बचाए गए हाथियों का संरक्षण केंद्र

मोंगाबे हिंदी, 20 मार्च आज से 14 साल पहले हरियाणा के पलवल हाईवे पर एक हथिनी चोटिल घूम रही थी। वन्यजीवों को बचाने वाली एक टीम ने उसकी देखभाल की। गंभीर चोट की वजह से उसे बचाया न जा सका। हथिनी का नाम चंपा था और बचाने वाली टीम वाइल्डलाइफ एसओएस नामक संस्था की थी। इस संस्था की स्थापना साल 1995 में भारत के भारत के वन्यजीवन की रक्षा के लिए...

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आखिर क्यों स्थिर हो गयी है गिद्धों के कुछ प्रजातियों की आबादी ?

इंडियास्पेंड, 19 फरवरी कार्बेट टाइगर रिजर्व से उड़ा एक शिकारी परिंदा, सफेद दुम वाला गिद्ध, करीब 200 किमी दूर देहरादून के पास सेलाकुई क्षेत्र के आसपास डेरा डाले हुए है। क्या इतनी लंबी उड़ान का उद्देश्य भोजन है, साथी की तलाश है, क्या वह यहां अपना घोंसला बनाएगा, या वापस लौटेगा, ऐसे कई सवाल हैं, जिनके जवाब, उसके दो पंखों के बीच लगे सैटेलाइट टैग से मिलेंगे। इन शिकारी पक्षियों की मौजूदा...

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संरक्षण के लिए यूरेशियन लिन्क्स पर ज्यादा रिसर्च की जरूरत

मोंगाबे हिंदी, 29 नवम्बर इस साल फरवरी में लद्दाख में कुत्तों से घिरी जंगली बिल्ली का एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। कई समाचार संगठनों ने इस क्लिप को अपने ‘वायरल वीडियो‘ सेक्शन में पब्लिश किया। इस वीडियो पर आए कमेंट्स में लोग इस जंगली जानवर के बारे में जानने को उत्सुक थे। कुछ अनुमान सही नहीं थे और उनका कहना था कि यह घरेलू कुत्ते और...

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लद्दाख: आम नागरिकों की पहल से कारगर हो रहा वन्यजीव संरक्षण

मोंगाबे हिंदी, 17 नवम्बर लेह में रहने वाले 35 वर्षीय स्टैनज़िन चंबा प्रकृति की खोज में लद्दाख के नुब्रा घाटी में बीते पांच साल से जा रहे हैं। लेह शहर से लगभग 160 किलोमीटर दूर नुब्रा में उन्होंने कई प्रकार के वन्य जीव देखे लेकिन जो जीव उन्हें सबसे अधिक आकर्षित करता है वह है यूरेशियाई लिंक्स। लिंक्स को स्थानीय भाषा में ‘ई’ कहते हैं। “लद्दाख में ज्यादातर लोगों ‘ई’ का नाम...

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केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में रस्टी स्पॉटेड कैट की निगरानी के लिए 100 कैमरा ट्रैप

मोंगाबे हिंदी, 8 नवम्बर  पिछले महीने राजस्थान के भरतपुर में केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में अपने बिल्ली के बच्चे को ले जाते हुए एक रस्टी स्पॉटेड कैट (लोहे पर लगे जंग जैसे धब्बे) (वैज्ञानिक नाम- प्रियोनैलुरस रुबिगिनोसस) की तस्वीर सामने आई थी। इसके बाद अधिकारी सक्रियता के साथ इस प्रजाति की निगरानी के लिए रणनीतियां तैयार कर रहे हैं। भरतपुर राष्ट्रीय उद्यान के उप वन संरक्षक (वन्यजीव) और केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के निदेशक...

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