मोंगाबे हिंदी, 20 मार्च आज से 14 साल पहले हरियाणा के पलवल हाईवे पर एक हथिनी चोटिल घूम रही थी। वन्यजीवों को बचाने वाली एक टीम ने उसकी देखभाल की। गंभीर चोट की वजह से उसे बचाया न जा सका। हथिनी का नाम चंपा था और बचाने वाली टीम वाइल्डलाइफ एसओएस नामक संस्था की थी। इस संस्था की स्थापना साल 1995 में भारत के भारत के वन्यजीवन की रक्षा के लिए...
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वनों की 1996 की परिभाषा पर लौटने का आदेश सराहनीय, लेकिन नाकाफी: विशेषज्ञ
कार्बन कॉपी, 27 फरवरी सुप्रीम कोर्ट ने 2023 में सरकार द्वारा वन संरक्षण अधिनियम (एफसीए) में किए गए संशोधनों पर रोक लगाते हुए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि वह उसके 1996 में दिए गए आदेश में वर्णित ‘वन’ की परिभाषा का पालन करें। यह पर्यावरण कार्यकर्ताओं और वन में रहने वाले समुदायों के लिए एक बड़ी जीत है। वन संरक्षण अधिनियम, 1980 में पिछले साल किए गए संशोधनों...
More »आखिर क्यों स्थिर हो गयी है गिद्धों के कुछ प्रजातियों की आबादी ?
इंडियास्पेंड, 19 फरवरी कार्बेट टाइगर रिजर्व से उड़ा एक शिकारी परिंदा, सफेद दुम वाला गिद्ध, करीब 200 किमी दूर देहरादून के पास सेलाकुई क्षेत्र के आसपास डेरा डाले हुए है। क्या इतनी लंबी उड़ान का उद्देश्य भोजन है, साथी की तलाश है, क्या वह यहां अपना घोंसला बनाएगा, या वापस लौटेगा, ऐसे कई सवाल हैं, जिनके जवाब, उसके दो पंखों के बीच लगे सैटेलाइट टैग से मिलेंगे। इन शिकारी पक्षियों की मौजूदा...
More »आत्मनिर्भर बन रही हैं केरल की आदिवासी महिलाएँ
बाबा मायाराम, पालक्काड़ “हम जल, जंगल और जंगली जानवरों का संरक्षण करने के साथ-साथ आदिवासियों की आजीविका को भी बचाने की कर रहे हैं। जंगल से हम उतना ही लेते हैं, जितनी जरूरत होती है। जंगली जानवरों के लिये को उनके पसंद के फल, फूल, पत्ते और कंद छोड़ देते हैं; जिससे वे भी जिये और जंगल की जैव-विविधता भी बनी रहे।” यह मंजू वासुदेवन थीं, केरल के त्रिचूर जिले में ‘फॉरेस्ट...
More »संरक्षण के लिए यूरेशियन लिन्क्स पर ज्यादा रिसर्च की जरूरत
मोंगाबे हिंदी, 29 नवम्बर इस साल फरवरी में लद्दाख में कुत्तों से घिरी जंगली बिल्ली का एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। कई समाचार संगठनों ने इस क्लिप को अपने ‘वायरल वीडियो‘ सेक्शन में पब्लिश किया। इस वीडियो पर आए कमेंट्स में लोग इस जंगली जानवर के बारे में जानने को उत्सुक थे। कुछ अनुमान सही नहीं थे और उनका कहना था कि यह घरेलू कुत्ते और...
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