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गरीबी और असमानता

[inside] इंडिया में आर्थिक असमानता: “अरबपति राज” में ब्रिटिश राज से भी ज्यादा है असमानता - रिपोर्ट [/inside] इंडिया के भौगोलिक आकार और जनसंख्या, जो अब दुनिया में सबसे अधिक है, को देखते हुए इंडिया में आर्थिक विकास का वितरण विश्व की आर्थिक असमानता पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालता है। इसलिए इंडिया में आय और संपत्ति की असमानता को सटीक रूप से मापना अत्यधिक आवश्यक है। हाल ही में वर्ल्ड इनइक्वलिटी डाटाबेस ने...

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क्या मतदान का अधिकार राजनीतिक व्यवहार को प्रभावित करता है? भारत से ऐतिहासिक साक्ष्य

-गांव सवेरा,  लोकतंत्र को लंबे समय से बेहतर आर्थिक विकास परिणामों के लिए जाना जाता है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि नागरिकों को मतदान का अधिकार देना, राजनीतिक भागीदारी या प्रतियोगिता को प्रभावी बनाए रखने को सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त है या नहीं। एक नए प्रयोग के तहत 1921-1957 के दौरान जिला-स्तरीय डेटासेट को आधार बनाते हुए यह लेख इस बात की जाँच करता है कि भारत में किस...

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खुशहाली का पैमाना और भारत-- राजू पांडेय

भारत के लोग दुनिया के और देशों के लोगों के मुकाबले कितने खुश हैं, इसका जवाब हमें वैश्विक खुशहाली सूचकांक से मिलता है। जवाब यह है कि दुनिया के एक सौ दस देश हमसे ज्यादा खुशहाल हैं। इतना ही नहीं, खुशी के इस पैमाने पर हम लगातार नीचे आते जा रहे हैं। हाल में वैश्विक खुशहाली सूचकांक से पता चला है कि भारत वर्ष 2014 में एक सौ छप्पन देशों...

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'पंजाब जैसे न हो जाएं MP के हालात, कई क्षेत्रों में विकास दर नीचे'

भोपाल। नीति आयोग ने मप्र सरकार को आईना दिखाते हुए कहा है कि प्रदेश ने कृषि क्षेत्र में भले ही विकास किया हो, लेकिन अन्य क्षेत्रों में प्रदेश राष्ट्रीय औसत से भी पीछे है। नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद्र ने सोमवार को मप्र के विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने कहा कि मप्र को पंजाब मत बनाइए। यह अच्छी बात है कि कृषि क्षेत्र में...

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गांधी के सपनों का स्वराज-- श्री भगवान सिंह

वैसे महात्मा गांधी ‘स्वराज' या ‘स्वराज्य' संबंधी अपनी अवधारणा को जीवनपर्यन्त परिभाषित करते रहे, लेकिन जहां तक मैं समझ सका हूं, हिंदुस्तान के संदर्भ में उन्होंने जिस स्वराज की परिकल्पना की थी, उसके केंद्र में थी गांवों की स्वायत्त, स्वावलंबी अर्थ एवं प्रबंधन सत्ता। उनकी दृष्टि में गांवों की संपन्नता में ही देश की संपन्नता तथा गांवों की स्वायत्त पंचायती व्यवस्था में ही देश की सच्ची प्रजातांत्रिक छवि अभिव्यक्ति पा...

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