खास बात • गंगोत्री ग्लेशियर सालाना ३० मीटर की गति से सिकुड़ रहा है।* • अगर समुद्रतल की ऊंचाई एक मीटर बढ़ती है तो भारत में ७० लाख लोग विस्थापित होंगे।* • पिछले बीस सालों में ग्रीनहाऊस गैसों के उत्सर्जन में सर्वाधिक बढ़ोत्तरी जिवाश्म ईंधन के दहन से हुई है।* • मानवीय क्रियाकलापों के कारण ग्लोबल ग्रीन हाऊस गैस के उत्सर्जन में लगातार बढोत्तरी हो रही है। अगर औद्योगीकरण के पहले के समय से तुलना करें तो मानवीय क्रियाकलापों...
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दुनिया को जलवायु परिवर्तन से बचाने का अगला पड़ाव-- मदन जैड़ा
अभी-अभी भारत ने केरल की बाढ़ और देश के अन्य हिस्सों में मानसून की तबाही के रूप में जलवायु परिवर्तन के खतरे का सामना किया है, तो अमेरिका और जापान में भयावह तूफान और बैंकॉक में समुद्र के जलस्तर की बढ़ोतरी के रूप में इसकी झलक को देखा गया। इन खतरों और चुनौतियों से निपटने की जिम्मेदारी संभालने वाली एजेंसियों के प्रमुख 12 सितंबर से अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में...
More »पर्यावरण के सरोकारों पर एक किताब की गहरी नजर
अगर पर्यावरण के नुकसान को लेकर आपको चिंता होती है लेकिन साथ में आप इस मसले पर मौजूद अध्ययन सामग्री को बोझिल और नीरस जान पढ़ने से बचते हैं तो फिर आपके लिए एक अच्छी खबर है. हाल ही में जीन कंपेन की तरफ से एक किताब कोपिंग विद् क्लाईमेट चेंज नाम से प्रकाशित हुई है और पर्यावरणविद्, नागरिक संगठन से जुड़े कार्यकर्ता, नौकरशाह तथा शोधकर्ताओं के बीच समान...
More »बड़ी तबाही ला सकता है जरा सा बदलाव
लंदन। पर्यावरण में 'छोटा' सा परिवर्तन भी ज्वालामुखी विस्फोट, भूकंप व भूस्खलन जैसी भूगर्भीय घटनाओं को और 'भयानक' बना सकता है। वैज्ञानिकों ने सोमवार को इस बाबत चेतावनी जारी की है। रायल सोसाइटी द्वारा प्रकाशित अखबार में शोधकर्ताओं ने चेताया है कि बर्फ पिघलना, समुद्री स्तर बढ़ना और भयानक तूफानों में इजाफे का कारण तापमान में लगातार हो रही बढ़ोतरी है। ये सभी कारक धरती के आवरण पर बुरा असर डाल सकते हैं। यहां तक...
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