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क्‍या आयुष डॉक्टर ग्रामीण स्‍वास्‍थ्‍य सुव‍िधाओं को बेहतर कर सकते हैं? लेकिन चुनौत‍ियां भी कम नहीं

इंडियास्पेंड, 17 अक्टूबर नासिक शहर से 49 किमी दूर वाविहर्ष और देवगांव की बस्तियों में एक उप स्वास्थ्य केंद्र बना है। वैसे तो यह यहां रहने वाले लोगों को स्‍वास्‍थय सुव‍िधा देने की पहली कड़ी है। लेकिन अब ये इमारत क‍िसी उपयोग में नहीं है। देवगांव में इस उपकेंद्र को वर्ष 2002 में बनाया गया था। लेकिन इसे कभी भी उपकेंद्र के रूप में पंजीकृत नहीं किया गया। "आज इमारत धूल से...

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छत्तीसगढ़: सरकार ने फिर से शुरू कर दिया हसदेव के जंगलों में पेड़ों की कटाई, कई प्रदर्शनकारी गिरफ्तार

जनचौक, 27 सितम्बर दशकों से चल रहे विरोध के बावजूद छत्तीसगढ़ में हसदेव के जंगलों की प्रशासन और कंपनी ने मंगलवार की सुबह से पेड़ों की कटाई फिर से शुरू करा दी है, इस दौरान विरोध कर रहे ग्रामीणों को जबरन पुलिस पकड़ कर हिरासत में ले लिया है। यहां तक कि कटाई वाले क्षेत्र में पुलिस तैनात कर दिया गया है और किसी को जाने भी वहां जाने नहीं दिया...

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उत्तराखंड के जंगलों की रक्षा के लिए बनी वन पंचायतें कैसे अपनी प्रासंगिकता खो रही हैं

 इंडियास्पेंड, 24 अगस्त जून की एक सुबह सत्ततर वर्षीय चंदन सिंह बिष्ट अपने आंगन में धुप सकते हुए हमारा इंतजार कर रहे थे। बिष्ट उत्तराखंड के नैनीताल जिले के मेओरा गांव में रहते हैं। उनके घर से जंगल का एक बड़ा हिस्सा दिखाई देता है, जो उनके गांव की वन पंचायत की भूमि है। साल 2000 और 2013 के बीच, चंदन सिंह वन पंचायत भूमि (लगभग 20 हेक्टेयर) के सरपंच थे। इस...

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बिहार: आजादी के 74 साल के बाद भी पंचायत चुनाव में राशन का मुद्दा

-गांव कनेक्शन, बिहार के सहरसा जिले के बीरगांव पंचायत के वार्ड नंबर-4 के डोम टोली में लगभग 75 परिवार रहते हैं, जिसमें 30-35 परिवारों के पास राशन कार्ड नहीं हैं। इसमें सभी लोग डोम यानी महादलित समुदाय से आते हैं। बिहार में राशन कार्ड के मामले में पिछड़ेपन का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बीरगांव पंचायत के वार्ड नम्बर-4 में खड़े हुए 7 वार्ड मेंबर सदस्यों में...

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बिहार: बाढ़़ प्रभावित इलाकों में कैसे होगा पंचायत का चुनाव; कैसी हैं चुनाव आयोग की तैयारियां

-न्यूजक्लिक, बिहार के अधिकतर गांवों के लोग मुखिया और सरपंची के चुनाव की तैयारी में लगें हुए हैं। वहीं दरभंगा के पूर्वी प्रखंड में पानी से घिरे गांवों में लोग बोट, राहत शिविर और सामुदायिक रसोई के भरोसे अपनी जिंदगी को जीने की कश्मकश में लगे हुए हैं। कुशेश्वरस्थान के विजय यादव जो 68 साल के हैं, उन्होंने न्यूजक्लिक को बताया कि, “कुशेश्वरस्थान क्षेत्र को बाढ़़ के पानी का अघोषित ससुराल कहा...

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