डाउन टू अर्थ, 18 अप्रैल स्वच्छ जल के बिना एक स्वस्थ और सुखद जीवन की कल्पना करना असंभव है। चाहे केंद्र हो या राज्य, ग्रामीण समुदायों तक पानी पहुंचाना हर नई सरकार की प्राथमिकता रही है। हालांकि अनुभव से पता चलता है कि भले ही पानी की सुविधा कई गांवों में “उपलब्ध” हो गई है, लेकिन ऐसे गांवों की संख्या भी बढ़ी है, जहां पानी फिर से “अनुपलब्ध” हो चुका है। दरअसल जलापूर्ति...
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पानी और साफ-सफाई
खास बात - भारत में खुले में शौच करने वाले लोगों की संख्या 626 मिलियन है। यह संख्या 18 देशों में खुले में शौच करने वाले लोगों की संयुक्त संख्या से ज्यादा है।# -ग्रामीण इलाकों में केवल २१ फीसदी आबादी के घरों में शौचालय की व्यवस्था है।* -पेयजल आपूर्ति विभाग के आंकड़ों के हिसाब से कुल १,५०,७३४९ ग्रामीण मानव बस्तियों में से केवल ७४ फीसदी में पूरी तरह और १४ फीसदी में...
More »महामारी के समय में बजट और राजनीति
-आइडियाज फॉर इंडिया, हाल ही में वर्ष 2022-23 के लिए घोषित बजट को राजनीतिक अर्थव्यवस्था के चश्मे से देखते हुए, यामिनी अय्यर तर्क देती हैं कि महामारी के दौरान घोषित किये गए दोनों बजटों में कल्याण से ज्यादा पूंजीगत व्यय पर दिया गया जोर "बाजार के अनुकूल सुधारों" की ओर राजनीतिक आख्यान में बदलाव का सिलसिला मात्र है जो 2019 में मोदी सरकार के फिर से चुने जाने के साथ शुरू...
More »आम बजट 2022-23:स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) पर फिर से ध्यान देना जरूरी क्यों?
-डाउन टू अर्थ, क्या हमारा ध्यान प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) से हट रहा है। इसका जवाब जो भी हो, तथ्य यह है कि अगर हम ऐसा कर रहे हैं, तो हम इसकी भरपाई नहीं कर सकते। अक्टूबर 2019 में ग्रामीण भारत को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया गया था। इस घोषणा से केंद्र सरकार के जल-शक्ति मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले पेयजल और स्वच्छता विभाग का...
More »लोकल को वोकल बनाने के लिए पंचायत राज व्यवस्था भागीदारियों की स्किल डेवलपमेंट ट्रेनिंग जरूरी
-रूरल वॉइस, उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव तहत हाल ही में ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों और जिला पंचायतों के पदाधिकारिों के चुनाव संपन्न हुए हैं। इन पंचायतों में निर्वाचित प्रतिनिधियों की कुल संख्या 826458 है। जिसमें 75 जिला पंचायत 822 क्षेत्र पंचायत और 58791 ग्राम पंचायत के निर्वाचित प्रतिनिधि सदस्य है। इन चुने हुए प्रतिनिधियों में अधिकतर सदस्य को इन स्थानीय संस्थानों के कामकाज में उनकी अपने अधिकार, भूमिकाओं और जिम्मेदारियों...
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