इंडियास्पेंड, 01 फरवरी साल 2023 लैंगिक समानता के लिहाज से खासा महत्वपूर्ण साबित हुआ है। जहां एक तरफ महिलाओं के लिए संसद और राज्य विधानसभाओं में एक तिहाई सीटें सुनिश्चित करने वाले ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ को पास किया गया, वहीं महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास के प्रति प्रतिबद्धता जाहिर करते हुए भारत की जी20 अध्यक्षता भी काफी सफल रही। लेकिन सिक्के के दूसरे पहलू की तरफ देखें तो तस्वीर कुछ और...
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विचार: भारत में पानी मिलने की व्यवस्था में जाति की भूमिका को नज़रअंदाज़ किया जाता है
द थर्ड पोल, 24 नवम्बर इस साल स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राजस्थान के जालोर जिले में नौ वर्षीय दलित बच्चे इंद्र मेघवाल की उसके ही एक शिक्षक, जो कि ‘उच्च जाति’ से ताल्लुक रखते हैं, ने पीटकर हत्या कर दी। इंद्र मेघवाल की हत्या की वजह यह थी कि उसने अपने उच्च जाति के शिक्षक के लिए रखे बर्तन से पानी पी लिया था। इंद्र मेघवाल की हत्या ऐसी...
More »आईटी नियमों में संशोधन के ख़िलाफ़ एडिटर्स गिल्ड, कहा- अकेले सरकार फेक न्यूज़ तय नहीं कर सकती
द वायर, 19 जनवरी एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने बुधवार को सरकार से आग्रह किया कि सोशल मीडिया कंपनियों को पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) द्वारा फर्जी माने जाने वाले समाचारों को हटाने के लिए निर्देश देने वाले आईटी नियमों में संशोधन के मसौदे को हटाया जाए. एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है, ‘गिल्ड मंत्रालय से इस नए संशोधन को हटाने और डिजिटल मीडिया के लिए नियामक...
More »साफ़ ऊर्जा की ओर प्रगति में कहां खड़ा है भारत
कार्बनकॉपी, 10 जनवरी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 75 वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले से अपने भाषण में कहा था कि भारत ने 2047 तक ऊर्जा के मामले में आत्मनिर्भर बनने का लक्ष्य रखा है। इस भाषण के तीन महीने बाद ही नवंबर 2021 में ग्लासगो में आयोजित कॉप-26 में भारत ने 2070 तक नेट जीरो उत्सर्जन प्राप्त करने की घोषणा की। ग्लास्गो में भारत ने यह भी लक्ष्य...
More »रद्द किए जाने के बाद भी आईटी एक्ट की धारा 66ए का इस्तेमाल गंभीर चिंता का विषय: सुप्रीम कोर्ट
द वायर, 8 सितम्बर सुप्रीम कोर्ट ने 2015 में उसके द्वारा रद्द की गई सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कानून-2000 की धारा 66ए के तहत अभी भी एफआईआर दर्ज किए जाने को ‘गंभीर चिंता का विषय’ करार देते हुए मंगलवार को राज्य सरकारों को नोटिस जारी किया. आईटी कानून की रद्द की जा चुकी धारा 66ए के तहत आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट करने पर तीन साल तक की कैद और जुर्माने का प्रावधान था. शीर्ष अदालत...
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