कुछ लोग होते हैं मौसमी शाकाहारी. यानी खास मियाद के लिए वो विशुद्ध शाकाहारी बन जायेंगे. जैसे ही यह खास मियाद पूरी होगी तब शाक‘आहार’ के प्रवर्तक का चोला उतार कर टूट पड़ेंगे मांस–मछली पर. इन मौसमी शाकाहारियों को लगता है कि जिस मियाद के लिए वो मांस नहीं खा रहें हैं तब कोई और शख्स भी नहीं खाएगा. इसी पूर्वाग्रह को लेकर हाल ही में नवरात्रि पर कई जगह, स्वघोषित धर्म...
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गरीबी और असमानता
[inside] इंडिया में आर्थिक असमानता: “अरबपति राज” में ब्रिटिश राज से भी ज्यादा है असमानता - रिपोर्ट [/inside] इंडिया के भौगोलिक आकार और जनसंख्या, जो अब दुनिया में सबसे अधिक है, को देखते हुए इंडिया में आर्थिक विकास का वितरण विश्व की आर्थिक असमानता पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालता है। इसलिए इंडिया में आय और संपत्ति की असमानता को सटीक रूप से मापना अत्यधिक आवश्यक है। हाल ही में वर्ल्ड इनइक्वलिटी डाटाबेस ने...
More »जेंडर
खास बात साल 2001 की जनगणना के अनुसार भारत में कुल श्रमशक्ति की तादाद 40 करोड़ है जिसमें 68.37 फीसद पुरुष और 31.63 फीसद महिला कामगार हैं। @ तकरीबन 75.38% फीसद महिला श्रमशक्ति खेती में लगी है। @ एफएओ के आकलन के मुताबिक विश्वस्तर पर होने वाले कुल खाद्यान्न उत्पादन का 50 फीसद महिलायें उपजाती हैं। # साल 1991 की जनगणना के अनुसार 1981 से 1991 तक पुरुष खेतिहरों की संख्या में 11.67 फीसदी की बढोतरी...
More »बजट 2022-23: कैसा होना चाहिए महामारी के दौर में स्वास्थ्य बजट
-न्यूजक्लिक, विगत दो वर्षों से दुनिया महामारी का दंश झेल रही है। भारत एक बड़ी आबादी वाला देश होने के कारण इस कोरोनावायरस संक्रमण की वजह से चौतरफा संकटों से घिरा हुआ है। देश में सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक और राजनीतिक संकटों ने यहां के नागरिकों को भविष्य के प्रति आशंकित कर रखा है। अभी भी महामारी का खतरा गया नहीं है और स्वस्थ्य की कई चुनौतियां लोगों के जीवन को प्रभावित...
More »असम के दक्षिण-पश्चिमी जिलों में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति बेहद दयनीय – I
-न्यूजक्लिक, दुनियाभर में कोविड-19 के प्रसार ने एक प्रकार से भानुमति का पिटारा ही खोलकर रख दिया है, क्योंकि अधिकाँश देशों में मामलों की संख्या में दिन-दूनी रात-चौगुनी वृद्धि से निपटने के मामलों में बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं को बेहद अपर्याप्त पाया गया था। कई देशों में मौतों को रोक पाना बेहद दुष्कर कार्य जान पड़ा। महामारी ने वैज्ञानिक समुदाय के सामने एक हिमालय जैसी अलंघ्यनीय चुनौती पेश कर दी थी –...
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