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'विंग अपस्ट्रीम: लूनी फेलोशिप' के लिए आवेदन की अंतिम तारीख 31 अक्टूबर, जल्द करें आवेदन

"मूविंग अपस्ट्रीम: लूनी" कार्यक्रम वेदितम इंडिया फाउंडेशन के मूविंग अपस्ट्रीम फेलोशिप कार्यक्रम का एक हिस्सा है। वेदितम इंडिया फाउंडेशन, आउट ऑफ ईडन वॉक के साथ साझेदारी में हैं। लूनी कार्यक्रम के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली के स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी के साथ साझेदारी की है और यह प्रयास A4Store और आउट ऑफ ईडन वॉक द्वारा समर्थित है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य नदी और उसके आसपास के जीवन का दस्तावेजीकरण करना...

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डेटा प्रोटेक्शन बिल: ‘‘क्या केंद्र सरकार लोगों के पर्सनल डेटा पर नियंत्रण करना चाहती है”

न्यूज़लॉन्ड्री, 14 अगस्त  डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल (डीपीडीपी) लोकसभा में सोमवार, 7 अगस्त को और राज्यसभा से बुधवार, 9 अगस्त को पास हो गया. राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह यह कानून बन जाएगा. एक तरफ केंद्र सरकार का कहना है कि इस कानून को बनाने का मकसद लोगों की निजता की रक्षा करना है. वहीं, विपक्षी दल और अलग-अलग संगठनों के सदस्य इसको लेकर अंदेशा जाहिर कर रहे हैं. एक...

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हिमाचल प्रदेश में विनाश के लिए कितनी जिम्मेवार हैं विकास परियोजनाएं?

डाउन टू अर्थ, 13 जुलाई विकास के नाम पर पर्यावरण और पारिथितिकी के साथ किए जा रहे खिलवाड़ का नतीजा पिछले तीन दिनों में हिमाचल में देखने को मिला है। पिछले तीन दिनों में हिमाचल में 4 हजार करोड़ रुपए से अधिक की संपति को नुकसान पहुंचा है। यदि मॉनसून सीजन की बात करें तो 16 दिनों में हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदाओं में 72 से अधिक जानें चली गई हैं। लेकिन...

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जंगलों में आग से नष्ट हो रहे हैं जंगल और जीव-जंतु, साजिश या महज संयोग?

जनचौक, 01 मई साल 2021 के मार्च महीने में ड्रमंडगंज वन रेंज के जंगल में लगी आग का विकराल रूप रामसजीवन को आज भी बख़ूबी याद है। जंगल में लगी इस आग ने दो जनपदों के साथ दो राज्यों के जंगल को सुलगा दिया था। प्रयागराज जनपद के रामपुर कलां गांव निवासी रामसजीवन साफ तौर पर कहते हैं कि “जंगलों में आग लगने के बाद उनपर काबू पाने के आज भी...

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पी.वी. सतीश : लीक से हटकर लकीर खींचने वाले शख्स

बिना शोरगुल मचाए उसने काम किया। न काम का श्रेय लिया; बस अपने हिस्से का काम किया। और एक दिन इस दुनिया को अलविदा कह दिया। उनका जाना भी खामोशी की तहों में छिप गया। लेकिन, पहले भी उनका काम बोल रहा था और आज भी उनका काम बोल रहा है।  पी.वी. सतीश; पेरियापटना वेंकटसुब्बैया सतीश। आपकी पैदाइश सन् 1945 के जून महीने की है। जन्म, कर्नाटक के मैसूर जिले के खाते–पीते...

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