डाउन टू अर्थ, 09 फरवरी भारत की खाद्य प्रणालियों में व्यवधान के कारण कोविड-19 महामारी के दौरान कम वजन वाले बच्चों में तेजी से वृद्धि हुई, क्योंकि लॉकडाउन ने उनकी पोषण स्थिति को गंभीर रूप से प्रभावित किया। न्यूयॉर्क स्थित कॉर्नेल यूनिवर्सिटी के टाटा-कॉर्नेल इंस्टीट्यूट फॉर एग्रीकल्चर एंड न्यूट्रिशन (टीसीआई) के एक नए अध्ययन में यह बात कही गई है। शोधकर्ताओं ने भारत में लॉकडाउन समाप्त होने के 18 महीने बाद गणना...
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झारखंड: 500 दिनों बाद कहां पहुंचा कुपोषण के खिलाफ महाअभियान?
इंडियास्पेंड, 05 सितम्बर सिमडेगा में कार्यरत दिहाड़ी मजदूर मुकेश सोरंग के पुत्र रितेश सोरंग (उस समय उम्र तीन महीना) का वजन डॉक्टरों ने मार्च 2023 में सामान्य से 40 प्रतिशत कम पाया था और इसी सिलसिले में रितेश को सदर अस्पताल के कुपोषण उपचार केंद्र में भर्ती कराया गया। रितेश के शरीर के हर हिस्से से हड्डियों का ढांचा नजर आता था। लेकिन जब 16 अप्रैल 2023 को उसे कुपोषण उपचार केंद्र...
More »भारत में सिर्फ नौनिहाल ही नहीं बुजुर्गों को भी प्रभावित कर रहा है कुपोषण
डाउन टू अर्थ, 25 अगस्त भारत में कुपोषण सिर्फ बच्चों को ही नहीं बुजुर्गों को भी प्रभावित कर रहा, जो उनके स्वास्थ्य के लिए गंभीर समस्या बन सकता है। इस बारे में इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट फॉर पापुलेशन साइंसेज से जुड़े शोधकर्ताओं द्वारा किए नए अध्ययन से पता चला है कि 60 वर्ष से ज्यादा उम्र के करीब 28 फीसदी पुरुषों और 25 फीसदी महिलाओं का वजन सामान्य से कम है। वहीं इसी आयु...
More »आंध्र प्रदेश की एच एंड एन हस्तक्षेप परियोजना से ग्रामीणों में कुपोषण में कमी देखी गई है
जनता से रिश्ता, 28 जून प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने और दैनिक आहार में पोषण मूल्य में सुधार करने के मद्देनजर, रायथु साधिकारा संस्था (आरवाईएसएस) ने आंध्र प्रदेश समुदाय प्रबंधित प्राकृतिक खेती (एपीसीएनएफ) परियोजना के हिस्से के रूप में एक स्वास्थ्य और पोषण (एच एंड एन) हस्तक्षेप पायलट परियोजना शुरू की है। राज्य। पायलट प्रोजेक्ट में सामुदायिक पोषक उद्यान और खाद्य प्लेटें शामिल हैं। पोषक उद्यानों के तहत, व्यक्तियों, स्वयं सहायता...
More »राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे बताता है कि गुजरात के बच्चों में कुपोषण का स्तर चिंताजनक है
द वायर, 28 जून गुजरात पर 2022 में जारी राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 (एनएफएचएस-5) के निष्कर्षों से पता चला कि राज्य में पांच साल से कम उम्र के 9.7 प्रतिशत से अधिक बच्चे कम वजन के थे. सरकार ने पोषण अभियान, मातृत्व सहयोग योजना, एकीकृत बाल विकास सेवाएं, मिड-डे मील योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, राष्ट्रीय पोषण मिशन, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन और राष्ट्रीय पोषण जैसी योजनाओं के साथ सरकार ने देश...
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