Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 150
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 151
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
साक्षात्कार | कौन है भरी आंखो से कोरोना के भयावह हालात बयां करने वाली ये डॉक्टर?
कौन है भरी आंखो से कोरोना के भयावह हालात बयां करने वाली ये डॉक्टर?

कौन है भरी आंखो से कोरोना के भयावह हालात बयां करने वाली ये डॉक्टर?

Share this article Share this article
published Published on Apr 25, 2021   modified Modified on Apr 28, 2021

-आउटलुक,

केंद्र सरकार ने एक मई से कोविड-19 टीकाकरण के तीसरे चरण की रणनीति की घोषणा की है। जिसमें 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोग टीका लगवा सकते हैं। इस अभियान के तहत सभी के मन में कोरोना वैक्सीन को लेकर कई तरह के सवाल हैं। जिसे लेकर आउटलुक ने मसिना अस्पताल की इन्फेक्शन डिजीज स्पेशलिस्ट, डॉ तृप्ती गियालदा से संपर्क किया है। हालही में आपने इन्हें एक वायरल वीडियो में रोते हुए देखा होगा। पांच मिनट के वीडियो में उन्होंने सभी को कहा कि हम असहाय हैं, ऐसी स्थिति पहले कभी नहीं देखी, लोग घबरा रहे हैं...।

डॉ तृप्ती गियालदा ने अपने वीडियो में तीन बिंदुओं को सूचीबद्ध किया है। जिसमें उन्होंने अपील की है कि लोग इन उपायों का सख्ती से पालन करें। पहला, कृपया सुरक्षित रहें। यदि आपको कोविड हुआ और आप ठीक हो गए हैं या साल भर आप इस वायरस से बचे हैं, आपको लगता है कि आप सुपरहीरों हैं आपको कुछ नहीं हो सकता तो यह गलत है। कोरोना किसी को भी हो सकता है। बहुत से युवा संक्रमित हो चुके हैं। हम उनकी मदद नहीं कर पा रहे हैं। दूसरी बात वह कहती हैं कि कोविड हर जगह है। यदि आप किसी भी चीज के लिए बाहर निकलते हैं तो मास्क अच्छी तरह से पहनें। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप बाहर क्यों जा रहे हैं। कुछ भी हो आपको मास्क अच्छी तरह पहनना है आपकी नाक और मुंह पूरी तरह से कवर किये होना चाहिए। अपनी तीसरी अपील में वे कहती हैं कि यदि आप अस्वस्थ महसूस करते हैं तो घबराएं नहीं और न ही किसी भी अस्पताल में तुरंत भर्ती होने का प्रयास करें। आप खुद को दुसरों से अलग करें और अपने डॉक्टर से संपर्क करें और हमें फैसला करने दें। किसी भी अस्पताल में जगह नहीं हैं और हमारे पास बेड भी नहीं है। जो गंभीर रूप से बीमार है उन्हें भी बेड मिलने में परेशानी हो रही है।

वैक्सीन को लेकर हमारे सवाल-जवाब

- चौथे चरण के टीकाकरण का उद्देश्य क्या है?

टीकाकरण के इस चरण में 18 वर्ष से अधिक उम्र वालों को वैक्सीनेशन कराने की अनुमति दी है। इसका उद्देश्य है कि हम जितना हो सके उतने लोगों की जान बचा सकें। हर घर में बहुत से युवा हैं जिन्हें काम के लिए बाहर जाना पड़ता है। इसके साथ ही युवा आबादी ही है जो कोविड के साथ उचित व्यवहार का अनुपालन करता है। चौथे चरण में कम्यूनिटी में प्रतिरक्षित व्यक्तियों के दर को तेजी से बढ़ाना है। हालांकि यह काफी लंबी प्रक्रिया है, लेकिन इसमें 70-80 प्रतिशत आबादी को प्रतिरक्षा प्राप्त करना है।

- वैक्सीन से कोविड-19 के प्रसार का मुकाबला करने में कितनी मदद मिलेगी?

वैक्सीन दो गुना काम करती हैं। इसका सबसे महत्वपूर्ण असर ये है कि गंभीर संक्रमण की वजह से अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु को रोकने में इसकी प्रभावकारिता 100 प्रतिशत है। दूसरा कोविड से संक्रमित होने की संभावना को हाफी हद तक कम कर देती हैं। इस प्रकार संक्रमण का संचरण धीमा पड़ जाता है और साथ ही साथ वैरिएबल स्ट्रेन के उभरने की संभावना भी कम हो जाती है। 

- क्या होगा अगर आप टीका नहीं लगवाते हैं?

जो लोग इस अभियान के बाद भी वैक्सीन नहीं लगवा रहे हैं वे अपनी और अपने प्रियजनों के जीवन को बचाने के अवसरों को खो देते हैं। इसके अलावा वैक्सीन पासपोर्ट की बात करें तो ऐसा हो सकता है कि जिन लोगों ने वैक्सीन ले ली है, उन्हें यात्रा जैसी कुछ गतिविधियों को करने की अनुमति दी जा सकती है और वे अपने जीवन में तेजी से आगे बढ़ सकते हैं। हालांकि यह भविष्य अब की तरह काफी सुदूर है।

- उपलब्ध वैक्सीन, कोवैक्सिन और कोविशिल्ड में से कौन सा अधिक प्रभावी है और कैसे समझें?

दोनों वैक्सीन में कोविड संक्रमण को रोकने की प्रभावकारिता थोड़ी अलग हो सकती है। यह कोवैक्सीन के लिए 80 और कोविशिल्ड के लिए 60-90 प्रतिशत है। लेकिन, वैक्सीनेशन का सबसे ज्यादा लाभ गंभीर बीमारी, अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु से बचाव के लिए है। दोनों वैक्सीन इससे 100 प्रतिशत सुरक्षा प्रदान करती हैं।

- युवाओं पर इसका क्या प्रभाव पड़ सकता है?

जीवन और अर्थव्यवस्था की वापसी को सामान्य करने की अनुमति देने के लिए एक सफल टीकाकरण अभियान बहुत जरूरी है। इसके लिए युवाओं का टीकाकरण होने आवश्यक है। शिक्षा ने भी इन समय में एक बड़ी सफलता हासिल की है। बच्चों की स्कूल वापसी महत्वपूर्ण है। हम हमेशा लॉकडाउन में नहीं रह सकते हैं और टीकाकरण आगे बढ़ने की कुंजी है।

- सुनने में आ रहा है कि वैक्सीन लगने के बाद लोग पॉजिटिव हो जा रहे हैं। उसके बारे में कुछ बताइए।

जब हम कहते हैं कि वैक्सीन की प्रभावकारिता 80 प्रतिशत है, तो इसका मतलब है कि जिस व्यक्ति ने वैक्सीन ली है उसे कोरोना होने की 80% कम संभावना है। इसलिए अभी भी एक मौका है। हमारे पास जो डेटा है उसमें टीका लगाने वाले को कोविड की वजह से अस्पताल में भर्ती होने और मरने की संभावनाएं लगभग शून्य है। इस वैक्सीन से कोविड का असर रहेगा लेकिन उन्हें संक्रमण से आगे की रक्षा करेगा।

- युवाओं में मानसिक बीमारी की दर अधिक है। क्या तनाव किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है?

तनाव का किसी भी व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य पर बड़ा प्रभाव पड़ता है और तनाव एक व्यक्ति को अशांत मानसिक स्थिति की ओर ले जाता है। वर्तमान में कई लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया है। इसकी वजह से कई लोगों की नौकरी और आजीविका भी चली गई है। स्वाभाविक रूप से युवाओं में मानसिक बीमारी के मामलों में वृद्धि हुई है। मानसिक स्वास्थ्य को काफी हद तक नजरअंदाज कर दिया गया है, लेकिन यह समय है कि समाज में मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों को लेकर समय पर चर्चा की जाए।

- टीकाकरण से पहले और बाद में क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?

जिन लोगों में कोविड के लक्षण पाए गए हैं या जिन लोगों को कोविड है, उन्हें वैक्सीन लेने से पहले लक्षणों के समाधान के बाद चार सप्ताह की अवधि तक प्रतीक्षा करनी चाहिए। टीकाकरण के बाद की सावधानियां पहले जैसी ही रहती हैं। जैसे मास्क लगाना, सोशल डिस्टेंसिंग, हैंड सैनिटाइज करना। दूसरी बात यह है कि टीकाकरण के 2-3 दिन बाद बदन दर्द, बुखार जैसी शिकायतें हो सकती हैं। इसके लिए पैरासिटमोल का उपयोग कर सकते हैं। यदि इसके बाद भी बुखार नहीं जाता तो डॉक्टरों को सुचित किया जाए। कोविशिल्ड की दूसरी खुराक का प्रभाव पहली खुराक से कम देखा गया है।

- क्या कोविड -19 के उपचार के लिए कोई घरेलू उपचार है?

कोविड-19 के उपचार में विशेष रूप से हल्के मामलों में बुखार सर्दी या खांसी जैसे लक्षणों का इलाज करने की आवश्यकता होती है। इस संबंध में घरेलू उपचार में स्टीम या गर्म पानी से गरारे करना कोविड -19 के लक्षणों से राहत दिलाने में काम आता है। यह समझना महत्वपूर्ण है कि क्या कोई घरेलू उपचार या हर्बल उपचार वास्तव में कोविड -19 रोग का इलाज नहीं करता है। यह लक्षणों से राहत देता है और रोगी के शरीर को प्रतिरक्षा प्रदान करता है। जिससे रोगी बीमारी से ठीक हो जाता है।

- क्या आप टीकाकरण के बाद शराब का सेवन कर सकते हैं?

हमेशा टीकाकरण के बाद शराब से परहेज करने की सलाह दी जाती है क्योंकि शराब का शरीर में प्रतिरक्षा प्रणाली पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है। हम चाहते हैं कि शरीर में प्रतिरक्षा प्रणाली को टीकाकरण के बाद बेहतर ढंग से कार्य करने में मदद मिले जिससे एंटीबॉडी रोगों से लड़ सके।

- क्या आप टीकाकरण के बाद यौन संबंध बना सकते हैं?

हां बिल्कुल। टीकों का किसी व्यक्ति के यौन जीवन पर कोई हानिकारक प्रभाव नहीं पड़ता है और न ही यौन संबंध करने से टीकों पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है।

पूरा इंटरव्यू पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें. 


इशिता भार्गव, https://www.outlookhindi.com/face/general/dr-trupti-gialda-interview-about-vaccine-in-the-fourth-phase-of-vaccination-57706


Related Articles

 

Write Comments

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close