Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 150
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 151
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
चर्चा में.... | पानी के संकट से जूझता देश

पानी के संकट से जूझता देश

Share this article Share this article
published Published on Apr 16, 2013   modified Modified on May 1, 2013

महाराष्ट्र और गुजरात में जारी सूखे की स्थिति से यह अनुमान लगाना मुश्किल नहीं है कि आने वाले दिनों में पानी की उपलब्धता का मुद्दा और गंभीर हो सकता है और पानी की किल्लत कई किस्म के संघर्षों की जननि साबित हो सकती है। भारत आज विश्व में भूमिगत जल का सबसे बड़ा उपभोक्ता है। बहरहाल यह बात दिन के उजाले की तरह साफ हो चुकी है कि जिस रीति से हम पानी का दोहन  उपार्जन, प्रबंधन और वितरण फिलहाल कर रहे हैं, वह रीति ज्यादा दिनों तक नहीं चलने वाली।

भूमिगत जल के बेतहाशा दोहन से देश के 60 फीसदी जिलों में पानी की गुणवत्ता घट रही है और जल-स्तर नीचे खिसक रहा है।दूसरी तरफ, बड़े बाँध बनाने और नदियों को आपस में जोड़ने जैसी ऐसी महत्वाकांक्षी परियोजनाएं हैं जिसमें नीचे की बात हमेशा ऊपर-ऊपर से सोची जाती है, फिर ऐसी परियोजनाओं का टिकाऊपन संदेह के घेरे में है और इन परियोजनाओं को साकार करने के क्रम में जो कीमत चुकानी पड़ती है उसकी भी अनदेखी नहीं की जा सकती।इस सूरते-हाल के बीच एक सच यह भी है कि पानी की मांग बढ़ती जा रही है- खेती के लिए पानी की मांग बढ़ी है, उद्योगों और व्यक्तिगत उपभोग के लिहाज से भी पानी की मांग में तेजी आई है।

हाल के एक विश्लेषण में योजना आयोग के सदस्य मिहिर शाह ने बारहवीं पंचवर्षीय योजना के लिए पानी के मुद्दे पर निम्नलिखित नई बातें इस तर्क के साथ सुझायी हैं कि यह वक्त भारत में पानी के उपयोग और प्रबंधन के मामले में मूलगामी तौर पर पुनर्विचार करने का है-:

--सिंचाई विभाग और सिंचाई-प्रणाली में सुधार

--सरकार, स्थानीय पंचायतीराज संस्थाएं, नागरिक संगठन तथा शोध संस्थाओं के शामिलाती प्रयास से भागीदारी आधारित प्रबंधन-संजाल तैयार करना।

--भूमिगत जल का दोहन हद से ज्यादा ना हो इसके लिए निवेश के जरिए एक ऐसा तंत्र कायम करना होगा जो ग्रामीण इलाकों में सब्सिडी की बिजली का इस्तेमाल भूमिगत पानी के दोहन(मिसाल के लिए ट्यूब वेल) में ना होने दे।

--छोटे पैमाने पर पानी से संबंधित ढांचे खड़े किए जा सकते हैं। मिसाल के लिए मनरेगा के तहत छोटी जोतों को सूखे से बचाने के उपाय किए जा सकते हैं और जल-संरक्षण के अन्य उपाय किए जा सकते हैं।

--गांवों में पेयजल की आपूर्ति और साफ-सफाई के काम में ग्राम-पंचायत को केंद्रीय भूमिका सौंपी जा सकती है,  साथ ही इस मद में इन निर्वाचित निकायों को दी जाने वाली राशि का भुगतान होने वाले कामकाज की निगरानी पर आधारित बने निर्देशांक के जरिए तय किया जा सकता है।

--उद्योगों द्वारा पानी के बढ़ते उपयोग और उससे पैदा होने वाले संघर्ष को रोकने के लिए वाटर-ऑडिटिंग को अनिवार्य बनाया जा सकता है।

उपरोक्त बातों का विस्तार निम्नलिखित लिंक के जरिए किया जा सकता है--

 

 

 

Water: Towards a Paradigm Shift in the Twelfth Plan -Mihir Shah, Economic and Political Weekly, Vol xlviiI 40, No 3, January 19, 2013, http://www.im4change.org/rural-news-update/water-towards-a
-paradi gm-shift-in-the-twelfth-plan-mihir-shah-18969.htm
l
  

 

The Central Water Commission\\\'s 2009 analysis of siltation in major irrigation projects

http://www.indiawaterportal.org/node/39399


The Central Groundwater Board\\\'s 2012 analysis

http://cgwb.gov.in/documents/GROUND%20WATER%20LEVEL%20SCEN
ARIO_No vember-12.pdf


An assessment of the Gujarat government\'s Jyotigram scheme which bifurcates rural farm and non-farm power supply in a bid to address subsidies and groundwater extraction:

http://www.iwmi.cgiar.org/publications/Other/PDF/NRLP%20Pr
oceedin g-2%20Paper%2015.pdf


Analyses of Western India\'s ongoing drought:

http://www.downtoearth.org.in/content/drought-equity


http://sandrp.wordpress.com/2013/03/30/how-is-2012-13-maha
rashtra -drought-worse-than-the-one-in-1972/


Potential synergies between NREGA and water management and restoration works:

ftp://ftp.solutionexchange.net.in/public/wes/cr/res-030212010.pdf


http://www.observerindia.com/cms/export/orfonline/document
s/NREGA.pdf


http://wrmin.nic.in/writereaddata/linkimages/Convergence91
3729635.pdf

Industry\\\'s competing demands for water

http://www.indiawaterportal.org/post/39910

  ( चित्र साभार- http://www.youthkiawaaz.com/wp-content/uploads/2010/09/rain-water-harvesting.jpg)

 

 


चित्र साभार- http://www.youthkiawaaz.com/wp-content/uploads/2010/09/rain-water-harvesting.jpg


Related Articles

 

Write Comments

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close