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चर्चा में.... | रबी का रकबा बढ़ा नहीं घटा है वित्तमंत्री जी !
रबी का रकबा बढ़ा नहीं घटा है वित्तमंत्री जी !

रबी का रकबा बढ़ा नहीं घटा है वित्तमंत्री जी !

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published Published on Feb 2, 2017   modified Modified on Feb 2, 2017
नोटबंदी के असर को नकारने के लिए सरकार भले कहे कि रबी की बुवाई का रकबा 2016-17 में बढ़ा है लेकिन सच्चाई इसके उलट है.रबी का बुवाई का रकबा बढ़ा नहीं घटा है, बशर्ते तुलना के लिए आप ऐसे साल को चुने जो मॉनसून के लिहाज से सामान्य साल साबित हुआ हो.

 

नोटबंदी के तकरीबन दो महीने बाद नये साल की पूर्व संध्या पर प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा : "...दोस्तों, बीते दिनों चारों तरफ ऐसा वातावरण बना दिया गया था कि देश की कृषि बर्बाद हो गई है। ऐसा वातावरण बनाने वालों को जवाब मेरे देश के किसानों ने ही दे दिया है। पिछले साल की तुलना में इस वर्ष रबी की बुवाई 6 प्रतिशत ज्यादा हुई है। फर्टिलाइजर भी 9 प्रतिशत ज्यादा उठाया गया है। सरकार ने इस बात का लगातार ध्यान रखा कि किसानों को बीज की दिक्कत ना हो, खाद की दिक्कत ना हो, कर्ज लेने में परेशानी ना आए। अब किसान भाइयों के हित में कुछ और अहम निर्णय भी लिए गए हैं...".

 

थोड़े में कहें तो प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में लोगों को यह समझाया कि खेतिहर उत्पादन पर नोटबंदी का बुरा असर नहीं हुआ है और पिछले कृषि-वर्ष के मुकाबले रबी-फसल की बुवाई का रकबा बढ़ा है क्योंकि सरकार ने नोटबंदी के वक्त किसानों को राहत पहुंचाने के काम किए.

 

प्रधानमंत्री की यही बात वित्तमंत्री अरुण जेटली ने भी अपने बजट-भाषण में भी कही. उन्होंने कहा- " देश के किसानों ने एक बार फिर मौजूदा साल में अपनी निष्ठा और लगन का परिचय दिया है. खरीफ और रबी सीजन में बुवाई का रकबा पिछले साल की तुलना में ज्यादा है."

 

बेशक प्रधानमंत्री और वित्तमंत्री की बात कृषि मंत्रालय को राज्यों से हासिल शुरुआती रिपोर्टों के तथ्यों से मेल खाते हैं. 20 जनवरी 2017 दिन तक प्राप्त रिपोर्टों के आधार पर कृषि मंत्रालय के हवाले से कहा जा सकता है कि 2015-16 में रबी सीजन में बुवाई का रकबा 59.2 मिलियन हैक्टेयर का था जो 2016-17 में बढ़कर 62.8 मिलियन हैक्टेयर हो गया और इस तरह एक साल में 6.1 फीसद की वृद्धि हुई. प्रधानमंत्री और वित्तमंत्री ने भी इसी तथ्य की तरफ इशारा किया है.

 

लेकिन विशेषज्ञों की राय पर ध्यान दें बात कुछ अलग ही जान पड़ती है. 2014-15 और 2015-16 सूखे के साल रहे इसलिए इन दोनों सालों की बुवाई के रकबे से 2016-17 में हुई रबी सीजन की बुवाई के रकबे की तुलना नहीं की जा सकती. सूखे के इन दोनों सालों में देश के ज्यादातर राज्यों में मॉनसून की बारिश सामान्य से बहुत कम रही.

 

चूंकि 2016-17 का साल मॉनसून की बारिश के मामले में सामान्य रहा सो इस साल की रबी की बुवाई के रकबे की तुलना 2013-14 के आंकड़ों से करना ठीक होगा. 2013-14 का साल मॉनसूनी बारिश के मामले में एक सामान्य साल साबित हुआ था.

 

2013-14 में रबी की बुवाई का रकबा 64.4 मिलियम हैक्टेयर था जो 2016-17 में घटकर 62.8 मिलियन हैक्टेयर हो गया है यानि तुलना करने पर इस साल का रबी बुवाई का रकबा 2.5 प्रतिशत कम ठहरता है. बेशक गेहूं और दलहन का रकबा 2016-17 में 2013-14 से ज्यादा है लेकिन धान, मोटहन और तेलहन के रकबे में कमी नजर आती है. (आंकड़ों की सारणी के लिए देखें हमारा वेबसाइट का अंग्रेजी खंड)

 

गौरतलब है कि इंडिया मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट के मुताबिक दक्षिण-पश्चिम मॉनसून(जून-सितंबर) का दीर्धावधि औसत 2012 में 92 फीसद, 2013 में 106 फीसद, 2014 में 88 फीसद, 2015 में 86 प्रतिशत और 2016 में 97 प्रतिशत रहा है.

 

22 सितंबर 2016 के दिन कृषि-मंत्रालय से जारी 2016-17 के प्रथम अग्रिम आकलन के तथ्य बताते हैं कि 2016-17 के खरीफ सीजन में खाद्यान्न उत्पादन पिछले चार सालों की तुलना में ज्यादा(135.03 मिलियन टन) हुआ है.( इसकी सारणी देखने के लिए यहां क्लिक करें). बहरहाल, इस साल के रबी सीजन के खाद्यान्न उत्पादन का आकलन 2 फरवरी 2016 के दिन तक जारी नहीं हुआ है. ऐसे में यकीनी तौर पर नहीं कहा जा सकता कि रबी सीजन की बुवाई पर नोटबंदी का कोई असर नहीं हुआ है.

 

इस कथा के विस्तार के लिए कृपया निम्नलिखित लिंक देखें--

 

Press release: Rabi Crops Sowing Crosses 628 Lakh Hectare, Press Information Bureau, Ministry of Agriculture, 20 January, 2017, please click here to access  

Press release: Rabi Crops Sowing Crosses 582 Lakh Hectare, Press Information Bureau, Ministry of Agriculture, 30 December, 2016, please click here to access,
 

PM’s address to the nation on the eve of New Year 2017, 31 December, 2016, please click here to access  

Economic Survey 2015-16 Statistical Appendix, please click here to access  

First Advance Estimates of Production of Foodgrains for 2016-17 (as on 22 September, 2016), Agricultural Statistics Division, please click here to access 

2016 Southwest Monsoon end of season report, India Meteorological Department, please click here to access

2015 Southwest Monsoon end of season report, India Meteorological Department, please click here to access

2014 Southwest Monsoon end of season report for the state of Uttar Pradesh, India Meteorological Department, please click here to access

2013 Southwest Monsoon end of season report, India Meteorological Department, please click here to access

2012 Southwest Monsoon end of season report, India Meteorological Department, please click here to access

Cropping seasons of India- Kharif & Rabi, Arthapedia, please click here to access  

 

Right To Food Activists Demand For Safeguards To Reduce Hardships Of Demonetisation, Newsalert from Inclusive Media for Change, 30 December, 2016, please click here to access 

Motive behind demonetisation is justifiable but there may be collateral damage, Newsalert from Inclusive Media for Change, 14 November, 2016, please click here to access 
 

Record increase in sown area under pulses during kharif 2016-17, shows latest data, Newsalert from Inclusive Media for Change, 13 September, 2016, please click here to access  

The mystery of agricultural growth -Himanshu, Livemint.com, 8 December, 2016, please click here to access  

  

 



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