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न्यूज क्लिपिंग्स् | ...तो मिलने लगेगा दो रुपये में 35 किलो अनाज- विनोद यादव

...तो मिलने लगेगा दो रुपये में 35 किलो अनाज- विनोद यादव

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published Published on Nov 25, 2011   modified Modified on Nov 25, 2011
मुंबई. केंद्रीय कृषि मंत्री एवं मराठा क्षत्रप शरद पवार ने महाराष्ट्र में अण्णा हजारे का आंदोलन बेअसर रहने की उम्मीद जताई है। उन्होंने बुधवार की शाम को महाराष्ट्र से आये पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि महाराष्ट्र के पिछले विधानसभा चुनाव में अण्णा ने राकांपा के आर.आर. पाटिल को छोड़ लगभग सभी मंत्रियों के खिलाफ प्रचार किया था। इसके बावजूद पाटिल बहुत कम वोटों के अंतर से चुनाव जीते थे।

पवार ने इस मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री और न्यायपालिका को लोकपाल विधेयक के अंदर लाया जाये या नहीं? इस पर भी खुलकर अपनी राय पत्रकारों के समक्ष रखी। उन्होंने प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे में लाये जाने पर देश में राजनीतिक संकट निर्माण किये जाने की आशंका जताई है। केंद्रीय कृषि मंत्री ने इसके साथ ही प्रस्तावित फ्रूड सिक्युरिटी बिल की कुछ खामियों को भी उजागर किया।

उन्होंने कहा कि इस बिल के पास हो जाने पर गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वालों को दो रुपये में ३५ किलो अनाज देने की योजना है। पवार ने आशंका जताई है कि ऐसा किये जाने पर लाभार्थी अपनी आवश्यकता भर का अनाज पास में रखकर बाकी अनाज खुले बाजार में ऊंचे भाव में बेच सकता है।

मनरेगा से जुड़े एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इस योजना के अधीन काम करने वाले मजदूरों को कृषि के काम में लगाये जाने की मांग हो रही है, परंतु ऐसा करने पर मजदूरों के न्यूनतम मजदूरी दर पर विपरित परिणाम पड़ने का भय है।

महाराष्ट्र में हो रहा है विकास योजनाओं का विरोध :-

पवार ने महाराष्ट्र से जुड़े सवाल पर भी खुलकर अपनी राय रखी। उन्होंने अपने मुख्यमंत्रीकाल का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय लोग राज्य में नयी-नयी विकास योजनाओं की मांग करते थे। मगर वर्तमान में बिजली की आवश्यकता होते हुए भी राज्य के बड़े नेता उसका विरोध कर रहे हैं।

उन्होंने शिवसेना कार्याध्यक्ष उद्धव ठाकरे या फिर कांग्रेस के किसी नेता का नाम न लेते हुए कहा कि महाराष्ट्र के बड़े नेताओं ने जब से विकास योजनाओं का खुलकर विरोध करना शुरू किया है। तब से महाराष्ट्र में कोई भी विकास योजना सही ढंग से साकार नहीं हो पा रही है।

जबकि उनके मुख्यमंत्रीकाल में करीब चार घंटे वे राज्य में निवेश करने के इच्छुक लोगों से मुलाकात करते और महाराष्ट्र के हित की योजनाओं को लगाने के लिए पूरा-पूरा सहयोग देते थे। पवार ने चिंता व्यक्त की है कि गुजरात के लोग विकास योजनाओं का विरोध नहीं करते हैं और महाराष्ट्र में बिल्कुल उसका उल्टा हो रहा है।

लिहाजा सूबे की जनता को भी अब राजनीति व विभाग से ऊपर उठ कर सोचना चाहिए। महाराष्ट्र में कपास के मुद्दे पर गरमाई राजनीति का जिक्र छेड़े जाने पर केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि कपास का समर्थन मूल्य बढ़ाने की मांग सिर्फ महाराष्ट्र में ही हो रही है।

जबकि कपास उत्पादक अन्य राज्यों में ऐसी स्थिति नहीं है। उन्होंने कहा कि पिछले साल अमेरिका में कपास का उत्पादन कम होने की वजह से वहां मांग अधिक थी। जिसकी वजह से छह हजार रुपये दाम किसानों को दिया गया था। मगर इस बार पिछले साल जैसी स्थिति नहीं है।

मायावती के पक्ष में बोले पवार :-

यूपी की मुख्यमंत्री मायावती द्वारा विधानसभा में राज्य को चार भागों में बांटे जाने के पास किये गये प्रस्ताव से जुड़े सवाल पर पवार ने अपनी व्यक्तिगत राय बताते हुए कहा कि इस घोषणा से आगामी विधानसभा चुनाव में मायावती को राजनीतिक लाभ मिलेगा।

क्योंकि यूपी को पूर्वाचल, हरित प्रदेश और बुंदेलखंड में बांटने की मांग पहले से ही हो रही थी। हालांकि उन्होंने इसके साथ यह भी कहा कि ऐसा करने से मायावती को यूपी के चुनाव में फिर से पूर्ण बहुमत मिलेगा या नहीं। इसके बारे में पक्के तौर पर कुछ भी नहीं कहा जा सकता है।

कोई सांसद नहीं चाहता मध्यावधि चुनाव हो :-

बढ़ती महंगाई, भ्रष्टाचार और अण्णा हजारे के आंदोलन से निर्माण हुई राजनीतिक परिस्थिति के चलते क्या देश में मध्यावधि चुनाव होने की संभावना है? इस सवाल के जवाब में पवार ने कहा,‘इस वक्त देश का कोई सांसद नहीं चाहता है कि मध्यावधि चुनाव हो। क्योंकि अब चुनाव लड़ना काफी महंगा हो गया है।’

http://www.bhaskar.com/article/MH--you-will-meet-two-rs-35-kg-grain-2589995.html


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