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न्यूज क्लिपिंग्स् | 2011 से 2017 के बीच हुए कुछ बड़े बैंक घोटाले

2011 से 2017 के बीच हुए कुछ बड़े बैंक घोटाले

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published Published on Feb 22, 2018   modified Modified on Feb 22, 2018
साल 2011

-केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआइ) ने बताया कि कुछ बैंक अफसरों ने 10 हज़ार संदिग्ध बैंक खाते खोले और उनमें लोन के 1500 करोड़ रुपए अंतरित कर लिए। ये अधिकारी आइडीबीआइ, बैंक आॅफ महाराष्ट्र और ओरिएंटल बैंक आॅफ कॉमर्स जैसे बैंकों के थे।

साल 2014

-मुंबई पुलिस ने सार्वजनिक बैंकों के कुछ अधिकारियों के खिलाफ नौ प्राथमिकी दर्ज कीं। इन अफसरों पर 700 करोड़ रुपए के सावधि जमा में घपला करने का आरोप था।
-कोलकाता के उद्योगपति बिपिन बोहरा पर कथित तौर पर फर्जी दस्तावेजों के सहारे सेंट्रल बैंक आॅफ इंडिया से 1400 करोड़ रुपए का ऋण लेने का आरोप लगा।
-सिंडिकेट बैंक के पूर्व अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक एसके जैन पर कथित रूप से रिश्वत लेकर 8000 करोड़ रुपए का कर्ज मंजूर करने का मामला सामने आया।
-यूनियन बैंक आॅफ इंडिया ने विजय माल्या को जान बूझकर कर्ज न चुकाने वाला बकायेदार घोषित किया। इसके बाद पंजाब नेशनल बैंक और भारतीय स्टेट बैंक ने भी ऐसा ही किया।


किस बैंक के कितने धोखेबाज

-भारतीय स्टेट बैंक के 1538 कमर्चारी धोखाधड़ी मामले में दोषी पाए गए हैं। वहीं, इंडियन ओवरसीज बैंक के 449 और सेंट्रल बैंक के 406 कर्मी दोषी पाए गए हैं।
-पंजाब नेशनल बैंक में इस दौरान 184 और यूनियन बैंक के 214 कमर्चारी धोखाधड़ी के मामलों में शामिल पाए गए हैं।
-रिजर्व बैंक के मुताबिक एक अप्रैल, 2013 से 31 दिसंबर, 2016 के बीच सरकारी और निजी क्षेत्रों के बैंकों में 17,504 धोखाधड़ी के मामलों में 66,066 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
-17,504 घोटालों में 2084 मामले बैंक कर्मचारियों ने अंजाम दिए है। यह संख्या कुल मामलों का 12 प्रतिशत है।

-विदेशी मुद्रा के विनिमय घोटाले के इस साल मेंं कई बैंकों के कर्मचारी और हांगकांग की एक कंपनी शामिल थी। इन्होंने 6000 करोड़ रुपए के मूल्य की विदेशी मुद्रा का घपला किया।

-चार घपलेबाजों ने मिलकर सिंडिकेट बैंक के खातों से 1000 करोड़ रुपए उड़ाए। इसके लिए 380 फर्जी बैंक खाते बनाए गए और जाली लेनदेन किया गया। इसके लिए फर्जी चेकबुक, साख पत्र और जीवन बीमा निगम की पॉलिसी को माध्यम बनाया गया।

2015
-सीबीआई ने बैंकों के डूबे हुए 9500 करोड़ रुपए की कर्ज की वसूली के लिए माल्या के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। साल 2016 में माल्या ने देश छोड़ दिया और ब्रिटेन पहुंच गए।

2016
-कुछ महीने बाद 7000 करोड़ रुपए के एक घोटाले का मामला विनसम डायमंड्स का आया। सीबीआइ ने इस सिलसिले में छह एफआईआर दर्ज कीं। जतिन मेहता की विनसम डायमंड्स का मामला नीरव मोदी की धोखाधड़ी की तरह ही था।

2017
-कोलकाता के कारोबारी नीलेश पारेख का मामला भी सुर्खियों में आया। सीबीआइ ने नीलेश को मुंबई हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया। उन पर 20 बैंकों के 2,223 करोड़ रुपए का घपला करने का इल्जाम है। पारेख ने कथित रूप से ये पैसा मुखौटा कंपनियों के जरिए हांगकांग, सिंगापुर और संयुक्त अरब अमीरात अंतरित किए थे।


https://www.jansatta.com/business/some-major-bank-scams-that-took-place-from-2011-to-2017/582994/


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