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न्यूज क्लिपिंग्स् | 45 हजार की आबादी में अब भी 4 पोस्टमेन बांट रहे चिठ्ठी

45 हजार की आबादी में अब भी 4 पोस्टमेन बांट रहे चिठ्ठी

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published Published on Jun 9, 2017   modified Modified on Jun 9, 2017
जांजगीर चाम्पा। केन्द्र शासन से स्वीकृति के बाद जिला मुख्यालय में संचालित मुख्य डाकघर को प्रधान डाकघर का दर्जा मिलने के बाद 22 मई को प्रधान डाकघर का लोकार्पण किया गया। प्रधान डाकघर में 20 उप डाकघर व 235 शाखा डाकघरों को शामिल कर प्रधान डाकघर का दर्जा दिया गया है। प्रधान डाकघर मिलने से जिम्मेदारी बढ़ी है, बावजूद इसके गिनती के स्टापᆬ के भरोसे काम काज संचालित हो रहा है। वहीं जिला मुख्यालय में 45 हजार की आबादी में महज 4 पोस्टमेन के सहारे चिठ्ठी बांटने का काम हो रहा है। प्रधान डाकघर में मात्र 4 पोस्टमेनों को ओव्हर टाईम ड्यूटी कर चिठ्ठी बांटने को मजबूर होना पड़ रहा है। विभाग की उदासीनता के चलते लोगों को समय पर चिठ्ठियां नहीं मिल पाती।

औद्योगिक विकास के साथ-साथ मानव जीवन में विभिन्न बदलाव आ रहे हैं। ऐसे में दिन ब दिन बदलते परिवेश में वाट्सअप, ईमेल, पᆬेसबुक सहित विभिन्न साधनों के सहारे लोग संपर्क साधते हैं, ऐसे में पोस्टकार्ड, लिपᆬापᆬा सहित विभिन्न पत्रों की पूछपरख में कमी आई है, लेकिन आज भी शासकीय कार्य सहित अन्य कार्यो के लिए पोस्ट आपिᆬस का महत्व बरकरार है। आज भी चिठ्ठियां पहुंचती है।

जिला मुख्यालय में शहरीकरण के चलते दिन ब दिन नए-नए मकानों का निर्माण हो रहा है, ऐसे में शहर का क्षेत्रपᆬल भी बढ़ने लगा है, बावजूद इसके शहर का मुख्य डाकघर अब भी पुराने सेटअप से ही संचालित हो रहा है। हालांकि जिलेवासियों की मांग पर जिला मुख्यालय में संचालित मुख्य डाकघार को 22 मई को प्रधान डाकघर का दर्जा मिला है।

मुख्य डाकघर से प्रधान डाकघर का दर्जा मिलने के बाद यहां अधिकारी कर्मचारियों की जिम्मेदारी भी बढ़ी है, हालांकि डाक विभाग द्वारा यहां अधिकारी कर्मचारियों को राहत देने के लिए बिलासपुर व कोरबा के कुछ कर्मचारियों को प्रधान डाकघर में स्थानांतरित किया गया है, मगर पोस्टमेनों की संख्या जस की तस है। शहर के प्रधान डाकघर पिछले कई वर्षो से मात्र 4 पोस्टमेन के सहारे संचालित हो रहा है।

वहीं मात्र 4 पोस्टमेनों को 45 हजार की आबादी में चिठ्ठी बांटने की जिम्मेदारी दी गई है। ऐसे में समय पर लोगों को पत्र नहीं मिलते। विभागीय जानकारी के अनुसार जिला मुख्यालय में रोजाना 2 से ढाई हजार चिठ्ठी विभिन्न शासकीय कार्यालय सहित शहर के घरों के लिए आती हैं। जिला मुख्यालय के मुख्य डाकघर में पदस्थ पोस्टमेन सुबह 9 बजे कार्यालय पहुंचकर विभिन्न स्थानों से आए पत्रों को छांट कर अलग करते हैं। वहीं पोस्टमेनों द्वारा शहर की गलियों में घूम-घूमकर देर शाम तक चिठ्ठियां बांटी जाती है। जिला मुख्यालय में स्टापᆬ की कमी के चलते अधिकांश घरों में चिठ्ठियां समय पर नहीं पहुंच पाती। वहीं कई लोगों को इंटरव्यू व नौकरी से भी वंचित होना पड़ता है।

लगता हैं पत्रों का अंबार

मुख्य डाकघर से प्रधान डाकघर बनने के बाद अधिकारी-कर्मचारियों की जिम्मेदारी भी बढ़ी है। पूर्व में मुख्य डाकघर में आई चिठ्ठियों को प्रधान डाकघर भेजकर चिठ्ठियों का वितरण किया जाता था, लेकिन प्रधान डाकघर बनने के बाद इसके अंतर्गत आने वाले 20 उप डाकघर व 235 शाखा डाकघरों में प्राप्त चिठ्ठियों को छटनी कर संबंधित डाकघरों को भेजा जाता है, लेकिन प्रधान डाकघर में मात्र 4 पोस्टमेनों को चिठ्ठियों की छटनी कर वितरण करने में मशक्कत करनी पड़ रही है।

प्रधान डाकघर में अब तक स्टापᆬ का अभाव

जिला मुख्याख्य में संचालित मुख्य डाकघर में 1 डाकपाल व 6 असिस्टेंट की मदद से कार्य का संचालन किया जा रहा था। मुख्य डाकघर में पर्याप्त स्टापᆬ के अभाव में एक ही काउंटर में विभिन्न कार्यो का संचालन किया जा रहा था। प्रधान डाकघर के संचालन के लिए बिलासपुर व कोरबा के 8 अतिरिक्त स्टापᆬ को यहां स्थानांतरित किया गया है, मगर अब तक प्रधान डाकघर में उनकी ज्वाइनिंग नहीं हो पाई है। ऐसे में यहां गिनती के अधिकारी-कर्मचारियों को काम काज संचालन के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है।

जर्जर भवन में संचालन करने की कवायद

हालांकि केन्द्र व राज्य शासन द्वारा जिला मुख्यालय के मुख्य डाकघर को प्रधान डाकघर का दर्जा दिया गया है। वहीं डाक प्रबंधन भी इसकी तैयारी में जुटा है, लेकिन जिला मुख्यालय में संचालित डाकघर भवन जर्जर है। यहां पर्याप्त सुविधाओं का अभाव है। डाक विभाग द्वारा पुराने भवन में अतिरिक्त कक्ष का निर्माण कर प्रधान डाकघर का संचालन करने की कवायद की जा रही है।

''प्रधान डाकघर में बिलासपुर और कोरबा के कर्मचारियों को यहां स्थानांतरित किया गया है, मगर अब तक उन्होंने ज्वाइनिंग नहीं दी है। वर्तमान में यहां 4 पोस्टमेनों द्वारा चिठ्ठियों का वितरण और छंटाई का काम किया जा रहा है। स्टापᆬ की कमी होने की जानकारी के संबंध में उच्चाधिकारी से चर्चा की गई है।''

एमआर कुर्रे

पोस्ट मास्टर, प्रधान डाकघर

 


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