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न्यूज क्लिपिंग्स् | 7 दिन, 3 जिले, 4 अस्पताल, नहीं हो सकी गर्भवती की सोनोग्राफी

7 दिन, 3 जिले, 4 अस्पताल, नहीं हो सकी गर्भवती की सोनोग्राफी

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published Published on Sep 9, 2016   modified Modified on Sep 9, 2016
प्रमोद त्रिवेदी, इंदौर। यह खबर राज्य सरकार के दावों की पोल खोलती है। सात दिन, तीन जिले, चार सरकारी अस्पताल और 650 किमी भटकने के बावजूद एक गर्भवती महिला की सोनोग्राफी नहीं हो सकी। एक जिला अस्पताल में सोनोग्राफी मशीन खराब है तो दूसरे में लैब टैक्निशियन 10 दिन के अवकाश पर है।

राजधानी के सुल्तानिया जनानी अस्पताल ने तो उसे इसलिए लौटा दिया क्योंकि मामला गुना जिले का है। महिला निजी अस्पताल भी इसलिए नहीं जा पा रही, क्योंकि पुलिस ने साफ लिखकर दिया है कि सरकारी अस्पताल से ही सोनोग्राफी करवाए। मुख्यमंत्री के गृह जिला विदिशा का निवासी है 24 वर्षीय गोलू रैकवार।

एक मैकेनिक के यहां मजदूरी करता है। उसकी छोटी बहन ओमबाई की शादी गुना जिले के बीनागंज में हुई। लेकिन शादी के तुरंद बाद ही पति समेत ससुराल पक्ष उसे प्रताड़ित करने लगे। मारपीट भी की जाने लगी। अंततः चार महीने बाद 31 अगस्त को 19 वर्षीय ओमबाई ने थाने में शिकायत कर दी।

पुलिस ने मेडिकल करवाया तो डॉक्टर ने बताया कि ओमबाई गर्भवती है। शरीर पर मारपीट के निशान हैं। पेट में चोट के कारण ब्लिडिंग हो सकती है, इसलिए सोनोग्राफी जरूरी है। बीनागंज पुलिस ने सोनोग्राफी रिपोर्ट के बाद ही आगे की कार्रवाई करने की बात कही।

अब इसके बाद ओमबाई और उनके भाई का संघर्ष शुरू हुआ। एक अस्पताल में मशीन खराब, दूसरे में टैक्निशियन छुट्टी पर, तीसरे ने चौथे पर टाला।

गुना जिला अस्पताल

गोलू बहन ओमबाई के साथ रात को 11 बजे गुना पहुंचा तो अस्पताल बंद हो चुका था। गर्भवती बहन और मां के साथ रात स्टेशन पर गुजारी। अगले दिन 1 सितंबर की सुबह फिर जिला अस्पताल पहुंचा। बताया गया कि सोनोग्राफी मशीन खराब है। डॉक्टर ने कहीं और कराने की सलाह लिखित में दे दी। विदिशा जिला अस्पतालः सभी गुना से विदिशा लौटे। दो और तीन सितंबर को अस्पताल में भटकते रहे। बाद में बताया गया कि लैब टैक्निशियन संजय जैन 10 दिन के अवकाश पर हैं। आप भोपाल जाकर सोनोग्राफी करवाओ।

हमीदिया अस्पताल

ओमबाई 5 सितंबर को राजधानी के इस सबसे बड़े अस्पताल में गई। पहुंचते-पहुंचते दोपहर हो गई। देर शाम को नंबर आया तो बताया गया कि सुल्तानिया जनानी अस्पताल में ही सोनोग्राफी होगी। सुल्तानिया अस्पतालः गोलू बहन के साथ रातभर स्टेशन में रहा। सुबह अस्पताल पहुंचकर नंबर लगाया। तीन घंटे इंतजार के बाद जब सोनोग्राफी की बारी आई तो कागजात देखकर कहा गया कि गुना का मामला है, इसलिए यहां सोनोग्राफी नहीं होगी। निवेदन के बावजूद कर्मचारी ने कहा कि वो कुछ नहीं कर सकतीं।

बहन को कुछ हो गया तो कौन जिम्मेदार होगा

बहन पर दोहरी मार पड़ रही है। एक ससुराल वालों की, दूसरी सरकारी अस्पतालों के रवैये की। सोनोग्राफी जैसी छोटी सी चीज के लिए बहन को मोटरसाइकिल पर बैठाकर भटक रहा हूं। बहन की हालत ठीक नहीं है। अगर उसे कुछ हो गया तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा?

-गोलू रैकवार, पीड़ित

इनका कहना है

यह मामला मेडिकल एजुकेशन डिपार्टमेंट का है, न कि हेल्थ का।

-गौरी सिंह, प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य (जबकि स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी गौरी सिंह के पास है, उसके बावजूद उन्होंने यह बयान एसएमएस पर दिया)

सोनोग्राफी यहां हो सकती थी। क्यों नहीं हुई, मैं दिखवाता हूं।

- डॉ. करन पीपरे, अधीक्षक, सुल्तानिया अस्पताल

 


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